प्रयागराज (ब्‍यूरो)। कृष्ण कुमार सिंह (40) पुत्र शिवकुमार पटना बिहार का रहने वाला था। वह 2 अक्टूबर 2019 को कोरांव आया और यहीं कपड़े का व्यवसाय करने लगा। पुलिस को दी गई तहरीर में मृतक की पत्नी माधुरी देवी ने बताया है कि वह नित्य सुबह 5 बजे घूमने जाते थे। गुरुवार जब वापस नहीं लौटे तो बड़ी बेटी उन्हें खोजने दुकान पर गई। दुकान के छोटे शटर को अंदर से बंद देख वह वापस आ गई और मां को जानकारी दी। जानकारी होते ही माधुरी दुकान पर गई और शटर को खोलकर अंदर देखा तो कृष्ण कुमार पंखे से लटका रहा था। यह मंजर देख सभी परिजन दहाड़े मारकर रोने लगे।

क्या लिखा है लाल डायरी में
कोरांव पुलिस ने कृष्ण कुमार की जेब मे रखे चिट के आधार पर लाल डायरी को खोजा और उसे अपने कब्जे में ले लिया। लाल डायरी में कृष्ण कुमार ने कोरांव आने के बाद की सारी घटनाओं को सिलसिलेवार जिक्र किया है। पूरा डिटेल पांच पन्नो पर लिखा गया है। इसमें लिखा गया है कि वह पटना में कपड़े का व्यवसाय करता था। उसका बिजनेस अच्छा चल रहा था। करीब तीन साल पहले उसके मामा का लड़का रंगा सिंह निवासी कोरांव उसके पास गया। उसने कृष्ण कुमार को कोरांव में बिजनेस की बेहतर आप्च्र्युनिटी मिलने की बात बतायी और आग्रह किया कि वह एक बार कोरांव की विजिट करे। इस पर कृष्ण कुमार कोरांव आया। पूरा कस्बा घूमने के बाद उसने बिजनेस की संभावना तलाशी। उसे यहां संभावना अच्छी दिख गयी तो पटना लौटकर उसने अपना पूरा बिजनेस बेच दिया। सारी प्रॉपर्टी बेचकर वह कोरांव पहुंचा और गोविंद नगर में 2019 में कपड़े की दुकान खोल ली। दुकान खोलने के बाद उसके मामा के लड़के रंगा सिंह ने उससे एक लाख रुपए नगद व 24 हजार का सामान लिया। सामान लेने के बाद रंगा की नीयत बदल गयी और उसने पैसे देने से इंकार कर दिया।
सिलसिलेवार किया है पूरा खुलासा
लाल डायरी में लिखी गयी कहानी के अनुसार इसी बीच उसकी दुकान पर बदौर के रहने वाले बुद्धि प्रकाश पटेल का आना-जाना शुरू हो गया। 2021-22 में लॉकडाउन के दौरान उसे व्यवसाय में घाटा होने लगा। बुद्धि प्रकाश उसकी दुकान पर बदौर की ही एक महिला हजारा बेबी के साथ आता था और उसे ब्याज पर पैसा देता था। हजारा एक सप्ताह में 10 प्रतिशत सूद के साथ उसे वापस कर देती थी। यह खेल कई दिनों तक देखने के बाद कृष्ण कुमार ने जुलाई 2021 से हजारा को पैसे देने लगा। हजारा ने कई किश्तों में छह लाख साठ हजार रुपये उसे दे दिये। सूद तो दूर मूल गायब होने की संभावना दिखने लगी तो कृष्ण कुमार ने प्रेशर बनाना शुरू कर दिया। इसके बाद उसे पता चला कि बुद्धि प्रकाश और हजारा ने मिलकर कृष्ण कुमार को लूटने की योजना बनायी थी। इस बीच कृष्णकुमार कर्ज के भंवर में बुरी तरह फंस चुका था। बीबी माधुरी के आभूषण भी उसने 90 हजार रुपए में रेहन रख दिए थे।
बच्चों को दी नसीहत और पत्नी से मांगी माफी
लाल डायरी में कृष्ण कुमार ने अपने सभी बच्चों दीपाली, सलोनी, बबली, खुशी और मयंक को खूब पढऩे की नसीहत दी है। उसने बड़ी बेटी दीपाली को पढ़ लिखकर कुछ बनने की नसीहत दी है। पत्नी माधुरी को कभी सुख के पल न दे पाने के लिए माफी मांगी है। लाल डायरी में कृष्ण कुमार ने लिखा है कि यह गजब संयोग है 5 मई 2004 को उसकी शादी हुई थी और 2022 में उसी तिथि को उसे आत्महत्या करनी पड़ रही है। लाल डायरी में इस जिक्र को देख हर किसी की आंख में आंसू आ गए। देखना है कि लाल डायरी में लिखे गए आत्महत्या के कारणों के अनुसार पुलिस आगे क्या कार्यवाही करती है कृष्ण कुमार ने रंगा सिंह, बुद्धि प्रकाश, हजारा बेबी और उसके चारों लड़कों को कड़ी से कड़ी सजा देने की गुजारिश की है।

सुसाइड नोट बरामद हुआ है। इसमें तमाम बातें लिखी हुई हैं। इनकी पड़ताल करायी जायेगी। जो भी तथ्य सामने आएंगे और जो दोषी मिलेगा उसे बख्शा नहीं जायेगा।
सौरभ दीक्षित, एसपी यमुनापार