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स्पेशल बेड का पहले होगा प्रबंध

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बेड के इंतजामएसआरएन हॉस्पिटल में होंगे

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बेड की व्यवस्था बेली हॉस्पिटल में होगी

कोरोना के तीसरी लहर में प्रभावित होने वाले बच्चों की संभावना को देखते हुए तैयारियां तेज

ऑक्सीजन से लेकर तमाम हाईटेक सुविधाओं से लैस होगा बच्चों का वार्ड

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बच्चों पर अटैक करने वाली कोरोना की तीसरी लहर से लड़ने की तैयारी शुरू हो गई है। प्रशासन ने बच्चों की सुरक्षा के लिए तमाम व्यवस्थाएं करना शुरू कर दिया हैं।

पॉजिटिव बच्चों के इलाज की व्यवस्था बेली और एसआरएन हॉस्पिटल में की जाएगी। तीसरी लहर आने से पहले सारे इंतजाम कर लिए जाएंगे। समय से व्यवस्थाएं हो जाय इसके लिए डीएम ने कमरतोड़ मेहनत शुरू कर दी है। सोमवार को करीब तीन घंटे तक चली बैठक में कई अहमद निर्णय लिए गए हैं। इस मीटिंग में चिल्ड्रेन से लेकर एसआरएन हॉस्पिटल तक के जिम्मेदार मौजूद रहे। समय रहते बच्चों के लिए मेडिकल उपकरण, बेड आदि के प्रपोजल डीएम द्वारा मांगे गए हैं। प्रस्ताव मिलते ही उसे शासन को भेजा जाएगा। सरकार से हरी झण्डी मिलते ही युद्ध स्तर पर काम शुरू होगा।

डीएम ने अविलंब मांगा प्रस्ताव

तीसरी लहर में कोरोना का असर बच्चों पर पड़ने की प्रबल आशंका है। ऐसे में बच्चों की सुरक्षा को लेकर पब्लिक के मन में सवाल उठ रहे हैं। अभी कोविड पाजिटिव युवाओं व बुजुर्गो के इलाज की ही हॉस्पिटलों में व्यवस्था थी। कोरोना संक्रमित बच्चों के इलाज के मुकम्मल इंतजाम नहीं हैं। तीसरी लहर में बच्चों पर ही इफेक्ट पड़ने की बातें विशेषज्ञों द्वारा बताई गई हैं। ऐसे में सरकार के निर्देश पर जिले में बच्चों के इलाज को लेकर भगीरथ प्रयास शुरू कर दिए गए हैं। तीसरी लहर में बच्चे प्रभावित हुए तो इनके इलाज प्रबंधक एसआरएन हॉस्पिटल में होगा। यहां पर 80 बेड का एक वार्ड तैयार किया जाएगा। इसी तरह बेली में भी बच्चों के लिए 40 बेड का एक वार्ड तैयार किए जाने का प्लान है। दोनों हॉस्पिटल में बच्चों के लिए बनाए जाने वाले इन वार्डो में ऑक्सीजन से लेकर अन्य तमाम हाईटेक सुविधाएं मौजूद होंगी। मांगे गए प्रस्ताव को बनाने में हॉस्पिटल के जिम्मेदार दिमाग खपाना शुरू कर दिए हैं। सब कुछ ठीकठाक रहा तो जल्द ही तीसरी लहर की रफ्तार को मोड़ने के लिए यह वार्ड बनकर तैयार हो जाएंगे।

चिल्ड्रेन में होगा नान कोविड का इलाज

चिल्ड्रेन हॉस्पिटल कोविड वार्ड से दूर रखा जाएगा।

यहां उन बीमार बच्चों का इलाज हमेशा की तरह होगा जो कोविड के पाजिटिव नहीं होंगे।

यहां मौजूदा समय में बच्चों के लिए पर्याप्त सुविधाएं मुहैया हैं।

बताते हैं कि इमरजेंसी वार्ड में यहां पहले से 20 बेड हैं।

पीआईसूयी में 10 और यहां का एनआईसीयू 50 बेड का है।

इसके साथ ही 20-20 बेड के चार वार्ड भी चिल्ड्रेन हॉस्पिटल में है।

कहने का मतलब यह कि नान कोविड मरीजों के लिए भी यहां बेहतर इलाज के इंतजाम होंगे।

चिल्ड्रेन हॉस्पिटल में पहले से ही सारी व्यवस्था है। कोविड के तीसरी लहर की आशंका के मद्देनजर बच्चों के लिए हाईटेक वार्ड बनाने का प्रयास जारी है। प्रस्ताव डीएम द्वारा मांगे गए हैं। जल्द ही भेजा जाएगा।

डॉ। मुकेश वीर सिंह, एचओडी चिल्ड्रेन हॉस्पिटल