प्रयागराज ब्यूरो । चारों ओर डेंगू से निपटने की तैयारियां चल रही हैं। लेकिन एक ऐसा भी छिपा हुआ दुश्मन है जिसने पिछले साल अचानक सैकड़ों लोगों पर हमला किया था और इसके वार से सभी स्तब्ध रह गए थे। पूरे जिले में पहली बार 350 चिकन गुनिया के मरीज मिले थे। पूरे यूपी में यह सबसे बड़ा आंकड़ा था। सहारनपुर और कानपुर दूसरे और तीसरे नंबर पर थे। इसलिए इस बार भी इस बीमारी से होशियार रहना जरूरी है। वरना यह छिपा दुश्मन कब हमला करेगा, पता भी नही चलेगा।
पांच साल बाद किया था अटैक
चिकनगुनिया ने प्रयागराज में सबसे पहले 2018 में दस्तक दी थी, उस वर्ष कुल चार मरीज सामने आए थे। इसके बाद अचानक से वर्ष 2023 में 350 मरीज सामने आ गए। एकदम अनजान रोग होने की वजह से लोग काफी परेशान हुए। यह संख्या तो वह है जो लोग जांच में मिले। सैकड़ों मरीज ऐसे भी थे जो चिकनगुनिया के लक्षणों से परेशान हुए और फिर ठीक भी हो गए। कुछ की जान भी चली गई।
जांच में नहीं हुई थी डेंगू की पुष्टि
डेंगू और चिकनगुनिया के लक्षणों एक चीज काफी अलग है। वह है बदन का दर्द। चिकनगुनिया में मरीज के शरीर में काफी दर्द होता है और वह सुकून नही ले पाता है। बाकी लक्षण लगभग समान होते हैं। ऐसे में लोगों ने डेंगू की जांच कराई और रिपोर्ट निगेटिव आने पर लोग परेशान हो गए कि उन्हे कौन सी बीमारी हुई है। चूंकि चिकनगुनिया ने पहली बार बड़े पैमाने पर दस्तक दी थी, इसलिए किसी का ध्यान उस ओर नहीं किया गया।
इन लक्षणों से बीमारी को पहचाने
- जोड़ों का दर्द
- मांसपेशियों का दर्द
- जोड़ों में सूजन
- बॉडी में दाने या चकत्ते
(जोड़ों का दर्द इतना गंभीर होता है कि यह मरीज को हफ्तों या महीनों तक परेशान करता है)
कैसे फैलता है चिकनगुनिया
- एडीज एजिप्टी और एडीस एल्बोपिकस मच्छर द्वारा काटने से
- ठहरे हुए पानी में मच्छर के लार्वा के जरिए चिकन गुनिया फैलता है
- सोते समय मच्छरदानी का यूज करें
- घर के भीतर या आसपास पानी को ठहरने मत दें
- पूरे शरीर को ढकने वाले कपड़े पहने
- खिड़की के निकट तुलसी का पौधा रखने से मच्छर दूर रहते हैं
- बॉडी में पानी की कमी नही होने देना चाहिए
- कमरे में कपूर जलाने से भी मच्छर भागते हैं
- सात दिन तक बेड रेस्ट करें
- पांच लीटर पानी प्रतिदिन पिएं
- डेंगू की पुष्टि नहीं होने पर चिकनगुनिया से संबंधित जांच कराएं
लास्ट ईयर अचानक से चिकनगुनिया के मामले सामने आए थे। इनकी संख्या भी अधिक थी। स्क्रब टाइफस के मामले भी सामने आए थे। यह सभी मच्छर से फैलने वाली बीमारियां हैं इसलिए खुद को बचाकर रखना बेहद जरूरी है।
आनंद सिंह, जिला मलेरिया अधिकारी