प्रयागराज (ब्यूरो)। छठ व्रत के संबंध में अनेक कथाएं प्रचलित हैं। उनमें से एक कथा के अनुसार जब पांडव अपना सारा राजपाट जुए में हार गए, तब द्रौपदी ने छठ व्रत रखा। जिससे उनकी सभी मनोकामनाएं पूरी हुई और पांडवों को राजपाट वापस मिल गया। लोक परंपरा के अनुसार सूर्य देव और छठी मइया का संबंध भाई-बहन का है। लोक मातृका षष्ठी की पहली पूजा सूर्य ने ही की थी।
पर्व से जुड़ा है विज्ञान
छठ पर्व की परंपरा में बहुत ही गहरा विज्ञान छिपा हुआ है। षष्ठी तिथि (छठ) एक विशेष खगौलीय अवसर है। उस समय सूर्य की पराबैगनी किरणें पृथ्वी की सतह पर सामान्य से अधिक मात्रा में एकत्र हो जाती हैं। उसके संभावित कुप्रभावों से मानव की यथासंभव रक्षा करने का सामथ्र्य इस परंपरा में है। पर्व पालन से पराबैगनी किरण के हानिकारक प्रभाव से जीवों की रक्षा संभव है।