प्रयागराज (ब्यूरो)। अन्जुमन हुसैनिया क़दीम दरियाबाद ने जुलूस का आग़ाज़ किया। उसके पीछे अन्जुमन शब्बीरिया के नौहाख्वान सिकंदर भाई नौहा पढ़ते हुए निकले, फिर रानीमण्डी की अन्जुमन अब्बासिया लगी। जिसके साथ सभी तबर्रुक़ात शामिल रहे। ग़ाज़ी अब्बास का अलम, ताबूत इमाम हुसैन, झूला हजऱत अली असगऱ, बिस्तर बिमारे करबला, ज़ुलजनाह, ऊंटों पर रखी जनाबे ज़ैनब व उम्मे कुलसूम की अमारी पर अक़ीदतमन्दों ने रास्ते भर फूल व माला चढ़ा कर अक़ीदत का इज़हार किया। वहीं अन्जुमन हैदरिया अन्जुमन मज़लूमिया अन्जुमन आबिदया की ओर से भी क़दीमी चेहलुम जुलूस निकाला गया। सभी मातमी अन्जुमनों ने कोतवाली से नखास कोहना के बीच तेज़धार की छूरीयों से सर पर और जऩजीरों से पीठ पर मातम करते हुए अपने आप को लहुलुहान कर लिया.वहीं कुछ युवा व बुज़ुर्ग ईरानी स्टाईल की खून रहित बिना छूरीयों वाली जऩजीरों का मातम भी किया.देर शाम सभी जुलूस व अन्जुमने चकिया करबला पहुंची जहां सभी तबर्रुक़ात पर चढ़े फूलों ताजिय़ा व इमामबाड़ों के फूलों को नम आंखों से सुपुर्देखाक किया गया।

शामिल रहा इमाम का बिस्तर
हजऱत इमाम हुसैन के चेहलुम पर दरियाबाद के इमामबाड़ा सलवात अली खां से शाही चेहलुम जुलूस ताहिर मलिक व शौजफ़ मलिक की कय़ादत मे निकला। जुलूस दरियाबाद की गलियों मे गश्त करते हुए बलुआघाट, हटिया, मुठ्ठीगंज, सुलाकी चौराहा बहादुरगंज, लोकनाथ चौराहा होकर छम्मन के हाता में पहुंचा। जुलूस में ताबूत, अलम ज़ुलजनाह के साथ तुरबत झूला व चौथे इमाम का बिस्तर भी शामिल रहा।