प्रयागराज (ब्‍यूरो)। स्कूली बसें अक्सर हादसे का शिकार हो जाती हैं। जांच में पता चलता है कि यह अनफिट थीं। फिटनेस, परमिट, प्रदूषण के कागजात अधूरे थे। इन अनफिट बसों के बारे में अभिभावकों को नहीं पता होता। स्कूल प्रबंधन के साथ ही वाहन मालिक भी इसे छिपाते हैं, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। संभागीय परिवहन विभाग के अधिकारियों ने इन अनफिट स्कूली बसों का नंबर सार्वजनिक कर दिया है। विभाग ने अनफिट स्कूली बसों का नंबर वेबसाइट पर अपलोड करने के साथ ही समाचार पत्रों में भी प्रकाशित करवा दिया है ताकि अभिभावकों को पता चल जाएगा कि उनका बच्चा जिस बस से स्कूल जा रहा है वह सड़क पर चलने के लिए अधिकृत भी है या नहीं।


1327 वाहन रजिस्टर्ड है स्कूली वाहन के रूप में
376 जांच में मिले अनफिट, जारी हो चुकी है सूची
06 महीने के लिए सस्पेंड किया गया है रजिस्ट्रेशन

परिवहन विभाग का अभियान
संभागीय परिवहन विभाग ने पिछले दिनों अभियान चलाकर स्कूली बसों की जांच की थी
जांच में पाया था कि पंजीकृत 1327 स्कूली वाहनों में 376 अनफिट हैं।
इनका फिटनेस फेल है, साथ ही परमिट की भी अवधि समाप्त हो चुकी है।
जिन स्कूलों से यह वाहन संचालित हो रहे थे, वहां नोटिस भेजवाया गया।
वाहन मालिकों को भी नोटिस जारी किया गया था।
प्रवर्तन दल की सभी टीमों को इन वाहनों की सूची दी गई।

अभिभावक को पता हो पूरा सच
इतनी कार्रवाई होने के बाद भी अनफिट वाहनों के कागजातों को दुरुस्त नहीं कराया गया। अनफिट स्कूली वाहनों में बच्चे सवार न हों, उनके अभिभावकों को इन वाहनों के बारे में जानकारी हो, थानों में तैनात व यातायात विभाग के पुलिसकर्मियों भी इन वाहनों के बारे में जान सकें, इसके लिए अनफिट वाहनों का नंबर सार्वजनिक कर दिया गया है। आरटीओ प्रशासन राजेश मौर्य, आरटीओ प्रवर्तन संजीव गुप्ता, एआरटीओ प्रशासन राजीव चतुर्वेदी, एआरटीओ प्रवर्तन अलका शुक्ला ने ऐसे वाहनों की सूची को सार्वजनिक करते हुए बताया है कि अनफिट बसों के मालिकों को मौका दिया गया था कि वे कागजात के साथ वाहन को अप टु डेट करा लें। कुछ ने इसमें दिलचस्पी दिखायी लेकिन करीब पौने चार सौ ऐसे रहे जिन्होंने कोई रिएक्शन नहीं दिया। इसके बाद विभाग नेक्स्ट लेवल की कार्रवाई की तैयारी में जुट गया है।

अभिभावकों को यह जानना बेहद जरूरी है कि उनके बच्चे जिस स्कूली वाहन में सवार हो रहे हैं, वह फिट है या नहीं। इसे लेकर यह कदम उठाया गया है। इसके अलावा प्रवर्तन दल के अधिकारियों को सख्त निर्देश दिया गया है कि इन वाहनों को पकडऩे पर तत्काल सीज करते हुए रिपोर्ट दर्ज कराई जाए।
राजीव चतुर्वेदी, एआरटीओ प्रशासन प्रयागराज