आठ महिला समेत तीस लोग भेजे गए जेल, संगम तट पर कर रहे थे झाड़फूक
पूछताछ में हाथ की सफाई और माइंड गेम का सामने आया पूरा मामला
PRAYAGRAJ: झाड़-फूंक और भभूत से भूत प्रेत भगाने के नाम पर यहां ठगों का बड़ा गैंग एक्टिव है। माइंड गेम के जरिए यह लोगों से रुपये पैसे ही नहीं, ज्वैलरी तक उतरवा लेते हैं। इनके गैंग में महिलाएं भी शामिल हैं। ज्यादातर घरेलू महिलाएं इनके टारगेट पर होती हैं। इनके द्वारा फैलाए गए अंधविश्वास के मायाजाल में लोग लाखों गंवा दे रहे हैं। संगम तट पर ऐसे तीस गुर्गे रविवार को दारागंज पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए। पकड़े गए झाड़फूक करने वाले ये लोग संगम तट पर श्रद्धालुओं को ठगने का काम किया करते थे। इन सभी को पुलिस द्वारा 151 में जेल भेजा गया। मनोरोग चिकित्सक ऐसे लोगों की सफलता के पीछे कई वजह बताते हैं।
इस तरह पकड़े गए शातिर
खुद को ओझा सोखा कहने वाले गिरफ्तार लोगों का एक बड़ा समूह संगम तट पर एक्टिव था। इनकी तलाश में पुलिस करीब हफ्ते भर से लगी हुई थी। रविवार को संगम चौकी इंचार्ज और दारागंज थाने के कई जवार सिविल ड्रेस में संगम तट पर पहुंचे। पुलिस द्वारा देखा गया कि घाट किनारे दर्जनों की संख्या में लोग झाड़-फूंक कर रहे थे। इन सभी लोगों को पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस के द्वारा की गई पूछताछ में सभी चौंकाने वाले राज का खुलासा किए। बताया गया कि यह लोगों के हाव-भाव को देखकर उनके बारे में अंदाजा लगा लेते हैं। इसी के आधार पर श्रद्धालुओं को कुछ ऐसी बातें बताते हैं जिससे लोगों को उनकी बातों पर विश्वास हो जाता है। इसके बाद वह झाड़फूक के जरिए ठीक करने के बहाने रुपये लेते हैं। किसी को भभूत तो किसी को ताबीज देकर उन्हें घर भेज देते हैं।
इस तरह दिमाग के खेलते हैं ओझा
पकड़े गए शातिर पूछताछ में पुलिस को बताए कि वह लोगों के चेहरे को समझते हैं
इसके बाद दान दक्षिणा के नाम पर श्रद्धालुओं के पास धीरे से पहुंच जाते हैं
पहुंचते ही श्रद्धालुओं को बड़े परेशान होने व अंदाजा लगाकर कुछ बातें बताते हैं
जैसे, आप के घर में अकाल मौत हुई है जो वही आप का विकास रोक रहा है
आप की पत्नी या बच्चे के ऊपर भूत का साया है जिससे वह बातें नहीं मानने देता
अब यह चीजें कभी-कभी हर किसी के परिवार में जरूर हुई होती हैं
ऐसे में लोग शातिरों की बात सच समझ लेते हैं और निवारण की बात करते हैं
श्रद्धालु द्वारा निवारण की बात करते ही वह समझ लेते हैं केस फंस गया है
इसके बाद वह झाड़फूक व भभूत देकर कष्ट दूर करने का दावा करने लगते हैं
जिसके लिए वह रुपये व गहने तक की डिमांड चढ़ाने के लिए करने लगते हैं
इनके अंधविश्वास के मायाजाल में फंसे लोग उनकी हर डिमांड पूरी करने लगते हैं
गिरफ्तार लोगों ने पुलिस को बताया कि यह सब हाथ की सफाई व माइंड गेम है
जिसके दम पर झाड़-फूंक करने वालों के जरिए ठगी का बाजार सजाया जाता है
केस-1
अंधविश्वास फैलाकर झाड़फूक करने वाले लोग कोरोना को भी कमाई के अवसर में बदलने से बाज नहीं आए। थरवई पुलिस द्वारा 20 अप्रैल को इलाके के बाकरगंज गांव से विनोद यादव सरायइनायत के रामपुर गांव के वीरेन्द्र यादव को गिरफ्तार किया गया था। इन दोनों पर झाड़फूक के जरिए कोराना भगाने के आरोप थे।
केस-2
संगम में मध्य प्रदेश के छतरपुर से परिवार संग स्नान करने आई एक युवती का वीडियो 21 जून को वायरल हुआ था। युवती को संगम में एक ओझा युवती पर भूत की छाया बताकर अमानवीयता की हद पार कर दिया था। वह युवती के बाल खींचते हुए जबरदस्ती संगम में डुबो रहा था। लोग विरोध किए तो वह भाग गिया था। बाद में अज्ञात पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया है।
केस-3
सरायइनायत के फतूहा गांव में भी झाड़फूक का एक मामला सामने आया था। गांव निवासी सुनील परिवार का इकलौता था। उसकी शादी उतरांव के बसगित बलाक सराय की गुंजा से 23 जून को हुई थी। 14 जून को दुल्हन घर आई तो सुनील दिमागी डिस्टर्व हो गया। उस पर भूत प्रेत की छाया बता दो शोखा झाड़फूक में जुट गए। सुनील की बॉडी रामनाथपुर रेलवे स्टेशन के पास वाराणसी रूट पर जीआरपी को मिली थी।
लोगों को झाड़-फूंक के झांसे में नहीं आना चाहिए। भूत-प्रेत जैसी चीजें केवल भ्रम और अंधविश्वास ही है। लोगों के माइंड सेटअप को देखकर ओझा सोखा झांसे में फंसा लेते हैं। फंसने वाले लोगों से वह रुपये पैसे ही नहीं महिलाओं से गहने तक ठग लेते हैं।
डॉ। अजय मिश्रा, मनोचिकित्सक
संगम किनारे झाड़ फूंककिए गए तीस लोग गिरफ्तार किए गए हैं। इनमें आठ महिलाएं भी शामिल हैं। यह सभी श्रद्धालुओं झांसा देकर झाड़फूंक फूक कर रहे थे। सभी जेल भेज दिए गए हैं।
जयप्रकाश शाही, इंस्पेक्टर दारागंज