प्रयागराज (ब्यूरो)। इसी मुकदमे में पहले पुलिस ने पीडि़ता के विरुद्ध चार्जशीट फाइल की थी। विवेचना और पर्यवेक्षण में लापरवाही बरतने पर तत्कालीन इंस्पेक्टर जार्जटाउन व दो दारोगा का निलंबित किया गया था। गाजीपुर जिले की एक प्रतियोगी छात्रा ने कर्नलगंज थाने में मदन यादव के विरुद्ध दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज कराया था। उसके बाद मदन यादव ने पीडि़ता के विरुद्ध कालेज में घुसकर मारपीट व बवाल करने की रिपोर्ट जार्जटाउन थाने में दर्ज कराई थी। पीडि़ता ने अदालत के आदेश पर मदन यादव समेत कई अन्य पर मारपीट, नाली में ढकेलने सहित कई आरोप लगाते हुए मुकदमा दर्ज कराया था। इसके बाद दोनों पक्षों की ओर से अलग-अलग थाने में कई केस लिखवाए गए। मदन यादव पर पीडि़ता के भाई, गवाह के विरुद्ध पहले फूलपुर और फिर हंडिया थाने में दुष्कर्म का फर्जी मुकदमा दर्ज कराने का आरोप है। फिर पुलिस ने गवाह को फर्जी तरीके से हंडिया के मुकदमे में गिरफ्तार कर जेल भेजा था। उस मुकदमे में तत्कालीन इंस्पेक्टर हंडिया बृजेश यादव, दारोगा और सिपाही समेत कई अभियुक्त अब तक फरार हैं। पुलिस केवल मदन यादव और उसके मददगार शिवकुमार को ही जेल भेज पाई है, जबकि अन्य आरोपित इधर-उधर घूम रहे हैं।