एमपी/एमएलए की विशेष कोर्ट ने माफिया अतीक अहमद के विरुद्ध 31 वर्ष पुराने मामले में और उसके भाई अशरफ के विरुद्ध पांच वर्ष पुराने मामले में आरोप तय किया है। दोनों ने आरोपों से इन्कार करते हुए मामले का परीक्षण कराए जाने की मांग की है। अदालत ने 27 अगस्त को गवाहों को पेश करने का आदेश सरकारी पक्ष को दिया है। यह कार्रवाई वीडियो कांफ्रें¨सग से की गई।
विशेष न्यायाधीश आलोक कुमार श्रीवास्तव ने पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्यों, एडीजीसी राजेश कुमार गुप्ता, वीरेंद्र कुमार सिंह और अतीक अहमद की ओर से पेश अधिवक्ताओं के तर्कों को सुनकर आरोप तय किया। अतीक अहमद पर आरोप है कि 18 मार्च 1990 को थाना प्रभारी धूमनगंज कालीचरण एवं अन्य एक दारोगा को भयक्रांत करने के लिए अपशब्द कहकर हमला किया। लोग सेवकों को लोक प्रशांति भंग करने के आश्रय से अपमानित कर जान से मार देने की धमकी दी। अशरफ पर आरोप है कि एक जून 2017 को हरवारा मस्जिद के सामने मकबूल अहमद को जबरदस्ती पकड़कर रोके रखा। मकबूल अहमद से शपथ पत्र पर जबरदस्ती हस्ताक्षर बनवाएं और अपशब्द कहते हुए जान से मारने की धमकी दी। यह घटना आरोपित अब्दुल कुदुस एवं मटरू के साथ आपराधिक साजिश करके किया गया था।