प्रयागराज (ब्यूरो)। बाहुबली पूर्व सांसद माफिया अतीक अहमद और अशरफ हत्याकांड की जांच कर रही एसआईटी ने चार्जशीट भले ही दाखिल कर दी है लेकिन विवेचना बंद नहीं की है। ऐसा शायद इसलिए कि भविष्य में कुछ नए तथ्य सामने आएं तो उसे विवेचना का हिस्सा बनाया जा सके। गुरुवार को दाखिल की गई चार्जशीट शुक्रवार को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत से सत्र न्यायालय के सुपुर्द कर दी गई है। इस बीच प्रतापगढ़ जेल में बंद तीनों शूटर लवलेश तिवारी, सनी ङ्क्षसह व अरुण मौर्या भी जरिए वीडियो कांफ्रेंसिंग कोर्ट में पेश किए गए। पत्रावली का अवलोकन करने के बाद अगली सुनवाई के लिए कोर्ट ने 27 जुलाई की डेट मुकर्रर किया है।
15 अप्रैल को काल्विन अस्पताल के गेट पर हुई थी अतीक अशरफ की हत्या
16 अप्रैल को शाहगंज थाने में दर्ज कराया गया था केस
03 शूटर लवलेश तिवारी, मोहित उर्फ शनि व अरुण कुमार मौर्य के विरुद्ध है चार्जशीट
03 पिस्टल, एक बाइक और 08 कारतूस पुलिस ने किया था बरामद
19 अप्रैल को तीनों शूटर प्रतापगढ़ जेल से पुलिस कस्टडी रिमांड पर लिए गए थे
23 अप्रैल को कस्टडी रिमांड पूरी होने पर प्रतापगढ़ जेल में किए गए थे दाखिल
20 अप्रैल को एसआईटी ने काल्विन हॉस्पटल गेट पर रीक्रिएशन किया था सीन
21 पुलिस कर्मियों के बयान हैं दाखिल की गई चार्जशीट में
12 मीडियाकर्मियों का भी बयान है चार्जशीट में
56 पेज का है आरोप पत्र
कोर्ट ने पत्रावली का किया अवलोकन
पुलिस अभिरक्षा में 15 अप्रैल को अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ को तीनों शूटरों ने गोलियों से भून दिया था। घटना उस वक्त हुई जब धूमनगंज पुलिस दोनों को लेकर मेडिकल कराने के लिए काल्विन हॉस्पिटल के गेट पर पहुंची थी। हत्या का यह मुकदमा शाहगंज थाने में दर्ज किया गया था। मामले में लवलेश तिवारी निवासी बांदा, मोहित उर्फ शनि पुराने हमीरपुर और अरुण कुमार मौर्य निवासी कासगंज जिला नामजद किए गए थे। वारदात को अंजाम देने के बाद जय श्रीराम का नाराज लगाते हुए इन तीनों ने पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया था। मामले की विवेचना के लिए एसआईटी का गठन किया गया था। एसआईटी द्वारा करीब 1200 पेज की केस डायरी पेश की गयी है। इसके 56 पेज पर आरोप पत्र है। चार्जशीट में 21 पुलिस कर्मियों व एक दर्जन मीडिया कर्मियों के भी बयान दर्ज किये गये हैं। इसके अतिरिक्त अतीक और अशरफ की बॉडी की पोस्टमार्टम रिपोर्ट व डॉक्टरों के बयान भी मर्ज किए गए हैं। बताते हैं कि चार्जशीट में विधि विज्ञान प्रयोगशाला की भी रिपोर्ट व मौके से बरामद तीन जिगाना पिस्टल व आरोपितों के बयान को भी आरोप का आधार बनाया गया है।
महत्वपूर्ण सवाल अब भी जस के तस
बावजूद इसके अब तक कई ऐसे प्रश्न है जिसका उत्तर टीम नहीं खोज पाई है। खैर, शुक्रवार को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने परीक्षण के लिए चार्जशीट की पत्रावली सत्र न्यायालय के सुपुर्द कर दिया है। अदालत द्वारा मुकर्रर की गई अगली डेट 27 जुलाई को अब इस प्रकरण में फिर सुनवाई होगी। जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी के मुताबिक मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट दिनेश कुमार गौतम के समक्ष वीडियो कांफ्रेंङ्क्षसग के माध्यम से तीनों आरोपितों को पेश किए गए। पत्रावली व कागजातों का अदालत ने अवलोकन किया। कोर्ट ने कहा कि आरोपितों के पर हत्या का आरोप लगाया गया है, जो कि भारतीय दंड संहिता की धारा 302 के अंतर्गत दंडनीय अपराध है। पूर्ण रूप से सत्र न्यायालय द्वारा परीक्षण अपराध है, इसलिए मामले को सत्र न्यायालय के समक्ष विचारण के लिए सुपुर्द किया जाना विधि अनुसार आवश्यक है।
जेल भेजा गया कोर्ट का आदेश पत्र
दोहरे हत्याकांड की पत्रावली सत्र न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किए जाने के लिए जो कार्यवाही मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के न्यायालय में 14 जुलाई को हुई है। यह कार्यवाही वीडियो कांफ्रेंङ्क्षसग रूल्स के अंतर्गत हुई, क्योंकि आरोपितों को व्यक्तिगत रूप से न्यायालय के समक्ष पेश नहीं कराया गया। इसलिए आदेश पत्र पर भौतिक रूप से आरोपितों का हस्ताक्षर कराए जाने के लिए न्यायालय ने जेल अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि इन पर आदेश पत्र पर आरोपितों के हस्ताक्षर प्राप्त कर न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया जाए।
इन प्रश्नों का जवाब नहीं खोज पाई टीम
जिस पिस्टल से अतीक व अशरफ की हत्या उसकी कीमत करीब पांच लाख रुपये बताई गई थी। इतना पैसा हत्यारों के पास कहां से आया।
हत्यारों को बैक इंड पर सपोर्ट करने वाला कौन था? किसने लोकल स्तर पर चीजों को मैनेज और अरेंज किया था
कत्ल की वजह शूटरों का स्वत: का मोटीवेशन है तो पश्चिम से आकर उन्होंने प्रयागराज को स्पॉट क्यों चुना
तीनों ने बांदा से फर्जी आधार कार्ड बनवाया थे। फर्जी आधार कार्ड बनवाने में उनकी मदद किसने की।
जितेंद्र की मौत के चलते उसका बयान हो पाना अब संभव नहीं है। ऐसी स्थिति में इस जिगाना पिस्टल का राज भी टीम को नहीं मिला कि यह पिस्टल तीनो के पास पहुंची कैसे?
पुलिस के सूत्र बताते हैं कि दाखिल की गई चार्जशीट में तीनों को यह पाकिस्तानी जिगाना पिस्टर कैसे मिली इस सवाल का जवाब अधूरा ही है
अतीक व अशरफ मर्डर केस में चार्जशीट दाखिल करने का मतलब यह नहीं कि विवेचना बंद हो गई। जांच चलती रहेगी, जो भी फैक्ट्स सामने आएंगे उसे भी कोर्ट में सौंपा जाएगा। अभी केवल गिरफ्तार तीनों शूटरों के खिलाफ ही चार्जशीट दाखिल की गई है। इलेक्ट्रानिक व लिए गए बयान के आधार पर आरोप पत्र तैयार किया गया है।
सतीशचंद्र एडीसीपी क्राइम
अतीक व अशरफ मर्डर केस में एसआईटी के द्वारा तीनों नामजद शूटरों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई है। अदालत ने 27 जुलाई की डेट सुनवाई के लिए नियत की है। तीनों आरोपित प्रतापगढ़ जेल से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए अदालत में पेश किए गए।
गुलाबचंद्र अग्रहरि जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी