प्रयागराज ब्यूरो । माफिया अतीक अहमद के भाई अशरफ को बरेली की जिला जेल में सुविधाएं पहुंचाने वाले नौ आरोपितों के खिलाफ गुरुवार को आरोप पत्र पेश कर दिया गया। इनमें गुर्गे मोहम्मद रजा उर्फ लल्ला गद्दी, तत्कालीन जेल वार्डर (सिपाही) शिवहरि अवस्थी और मनोज गौड़, कैंटीन संचालक दयाराम उर्फ नन्हे, राशिद अली, फुरकान नवी खान, मोहम्मद सरफुद्दीन, प्रापर्टी डीलर फरहद उर्फ गुड्डू व आरिफ का नाम शामिल हैं। सभी जेल में हैं।

अशरफ का साला है वांटेड

24 फरवरी को प्रयागराज में उमेश पाल हत्याकांड के बाद जांच में कई नाम सामने आए थे। पता चला कि 33 महीने से स्थानीय जेल में बंद अशरफ ने हत्याकांड का षड्यंत्र रचा। सात मार्च को बिथरी चैनपुर थाने में अशरफ, उसके साले सद्दाम, गुर्गे लल्ला गद्दी, दयाराम उर्फ नन्हे, शिवहरि अवस्थी, अज्ञात जेल अधिकारी व कर्मचारी, अशरफ के अज्ञात साथी के खिलाफ रंगदारी, षडयंत्र रचने, कारागार अधिनियम, आपराधिक कानून अधिनियम में प्राथमिकी लिखी गई थी। विवेचना में माफिया अतीक के बेटे असद अहमद, बमबाज गुड्डू मुस्लिम, शूटर गुलाम हसन, अरमान, सदाकत और विजय चौधरी उर्फ उस्मान का नाम भी बढ़ा दिया गया। एसपी सिटी राहुल भाटी का कहना है कि अशरफ प्रकरण में लल्ला गद्दी समेत नौ आरोपितों के विरुद्ध चार्जशीट अदालत में पेश कर दी गई है।

तीन का एनकाउंटर, एक की हत्या

आरोपित असद, गुलाम व उस्मान एनकाउंटर में मारे गए। अशरफ की हत्या हो गई। इन सभी के नाम प्राथमिकी से निकाल दिए गए। एक लाख का इनामी सद्दाम व अन्य आरोपित फरार हैं। इनकी गिरफ्तारी के बाद चार्जशीट लगाई जा सकेगी। विवेचक सीओ तृतीय आशीष प्रताप सिंह ने पहले चरण में जिन नौ आरोपितों के विरुद्ध चार्जशीट लगाई है, उसमें जेल की फुटेज प्रमुख साक्ष्य बनी। अशरफ के गुर्गों की फुटेज मिली। यह भी पुष्ट हुआ कि जेल कर्मचारियों की मिलीभगत से बिना पर्ची मिलाई कराई गई थी। गुर्गे जेल के सिपाही एवं कैंटीन संचालक से साठगांठ करते थे। उन्हीं के सहारे मोबाइल फोन अशरफ तक पहुंचाया जाता। अशरफ की गुर्गों से एकांत में मिलाई कराई जाती थी।