- डॉ। धर्मवीर भारती के नाटक का कलाकारों ने किया शानदार मंचन
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PRAYAGRAJ: हिंदी साहित्य में डॉ। धर्मवीर भारती की रचनाएं अलग ही स्थान रखती है। उनके नाटक के पात्र भी आम जिंदगी से सीधे तौर पर जुड़े रहते हैं। डॉ। धर्मवीर भारती के ऐसे ही नाटक 'नदी प्यासी थी' का बुधवार को कटरा में मंचन हुआ। जिसका निर्देशन रंगमंच की कलाकार ऋतिका अवस्थी ने किया। नाटक की कहानी का मुख्य पात्र राजेश पेशे से एक लेखक है। जो अपनी ही दुनियां और ख्यालों में खोया रहता है। राजेश का जीवन ऊहापोह के चारों ओर घूमता है। जिसमें रह-रह कर जीवन के प्रति हमारे संशय, प्रयोजन व उत्पत्ति पर प्रश्न खड़े होते हैं। हम इस दुनिया में क्यों हैं, इस बात का हल तलाशने में एक जीवन भी कम पड़ जाता है। ये कहानी शुरू होती है, शंकर एवं शीला के घर से जो एक दंपति है। साथ ही शंकर और राजेश कॉलेज के दिनों के साथी है। केन्द्रीय पात्र राजेश के समान पद्मा की भूमिका भी पूरे नाटक में एक बड़ी कड़ी की तरह है। जिसके द्वारा हम स्त्री-पुरुष सम्बन्धों की जटिलता को समझने का प्रयास करते है। वहीं कहानी का तीसरा प्रमुख पात्र डॉ कृष्णा है, जो कि पद्मा के होने वाले पति भी है और पेशे से डॉक्टर है। कहानी इन्हीं पात्रों के ईदर्गिद घुमती है।
कलाकारों ने अभिनय से कहानी में डाली जान
डॉ। धर्मवीर भारती की कहानी को कलाकारों ने अपने शानदार अभिनय से उनके पात्रों में जान डाल दी। नाटक आखिर में गहरी निराशा के भंवर में फंसे राजेश जो कि मृत्यु को गले लगाने को तत्पर रहता है। वह आखिर में जीवन की तरफ लौट आता है। नाटक का आयोजन कोरोना महामारी को देखते हुए किसी ऑडिटोरियम में ना होकर दूरर्दशन स्टाफ कालोनी सामने कारपेंट्री चौराहा पर किया गया। इस अवसर पर वरिष्ठ रंगकर्मी अनिल रंजन भौमिक , आलोक नायर जी उपस्थित रहे साथ संस्था आरंभ के सदस्य नीलकांत तिवारी, तस्लीम आदि मौजूद रहे।