प्रयागराज ब्यूरो । डॉक्टर्स का कहना है कि दिन और रात के तापमान में बड़ा अंतर शरीर की इंटरनल इम्युनिटी को प्रभावित करता है। इससे लोग आसानी से वारयल इंफेक्शन की चपेट में आ जाते हैं। इसके चलते बदन में दर्द, थकावट, खांसी और जुकाम जैसे लक्षण दिखने लगते हैं। यह सिलसिला तभी थमेगा जब रात का तापमान भी बढ़ेगा। हालांकि अभी ऐसे कोई आसार नजर नही आ रहे हैं।
जा रहा है हेल्दी सीजन
नवंबर, दिसंबर और जनवरी में लगभग सभी अस्पतालों में सन्नाटा पसरा रहा। हेल्दी सीजन होने की वजह से कम संख्या में ओपीडी में मरीज आ रहे थे लेकिन पिछले एक सप्ताह से फिर मरीजों की संख्या बढऩे लगी है। सभी मरीज वायरल इंफेक्शन के हैं। काल्विन, बेली और एसआरएन अस्पताल के यही हाल हैं। बता दें कि शनिवार को अधिकतम और न्यूनतम तापमान 25 और 8 डिग्री सेल्सियस था तो रविवार को यह 26 और 12 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
इम्युनिटी मजबूत बनाने पर जोर
- हरी सब्जियां और फल खाने पर अधिक जोर।
- दिन ढलने के बाद गर्म कपड़े जरूर पहनें।
- खांसने और छीकने वाले व्यक्ति से दूरी बनाएं।
- छोटे बच्चे और महिलाओं को ताजा और पौष्टिक भोजन कराएं।
- जुकाम जैसे प्रारंभिक लक्षण दिखने पर दवाओं का सेवन करें।
इन पर पड़ा मौसम का प्रभाव
बेली अस्पताल में दिखाने पहुंची सिविल लाइंस निवासी दीपिका राय ने बताया कि उन्होंने दो दिन पहले दिन में आइसक्रीम खाई थी, जिसके बाद उन्हें खांसी आने लगी। इसका इलाज कराने आई हैं। ममफोर्डगंज निवासी राहुल ने बताया कि वह दिन में इनर पहनकर घूमने निकले थे और शाम को घर लौटने में देर हो गई। इस बीच उन्हें ठंड लग गई और रात में जुकाम हो गया। काल्विन अस्पताल में दिखाने पहुंचे चौक के शमीम ने बताया कि दोपहर में अचानक उन्हें पसीना तो उन्होंने ठंडा पानी पी लिया। इसके बाद से उनके बदन में दर्द हो रहा है।
फिर से मरीजों की संख्या में इजाफा हो रहा है। यह मरीज मौसम के बदलाव के हैं। थोड़ी सी लापरवाही से वह बीमार हो रहे हैं। अगर सेहत का ख्याल रखा जाए तो अधिक प्राब्लम नही होगाी।
डॉ। एमके अखौरी, सीएमएस बेली अस्पताल