प्रयागराज (ब्यूरो)। पचास करोड़ टर्नओवर की लिमिट होने पर जिले के महज 200 से 300 व्यापारी ही इस नियम की चपेट में थे अब लगभग सात हजार व्यापारियों के लिए ई इनवाइस अनिवार्य होगा। अब रियल इस्टेट के अलावा ज्वैलरी, इलेक्ट्रानिक, सीमेंट, लोहा आदि के व्यापारियों को भी इस नियम का पालन करना होगा। बिल बनाते समय एआरएन नंबर और क्यू आर कोड जनरेट होगा, इसे बिल के साथ शो करना होगा। केंद्र सरकार द्वारा जीएसटी (गुड्स एंड सर्विस टैक्स) में लगातार बदलाव किए जा रहे हैं ताकि टैक्स चोरी कम हो और कलेक्शन को बढ़ावा मिले। इसको लेकर अक्टूबर साल 2020 में सरकार ने यह फैसला लिया था कि ऐसी कंपनी जिनका टर्नओवर 500 करोड़ से ज्यादा है उन्हें अपने बीडब्लूबी लेन देन पर ई-चालान जनरेट करना जरूरी होगा। इसे पारदर्शिता के लिहाज से लिया गया फैसला माना जा रहा है।

क्यों किया गया बदलाव

हाल के दिनों में कई ऐसे मामले सामने आए हैं जिसमें इनपुट टैक्स क्रेडिट के जरिये कर चोरी की गई थी। इसको देखते हुए यह बदलाव किया जा रहा है। हाल के महीनों में जीएसटी संग्रह में तेजी से बढ़ोतरी देखने को मिली है और यह एक लाख करोड़ रुपये से ज्यादा बना हुआ है। इसी तरह व्यापारियों को जीएसटी इनवाइस नंबर के साथ यूनीक शब्दों का भी प्रयोग आज से करना होगा। साथ ही जिन व्यापारियों ने 31 मार्च तक समाधान योजना एडाप्ट नही की है वह स्वत: सामान्य की श्रेणी में आ जाएंगे।

नए नियमों का असर व्यापारियों पर पड़ेगा। वर्तमान में 70 हजार व्यापारी जीएसटी में पंजीकृत हैं। इनमें से सात हजार व्यापारियों के लिए ई इनवाइस अनिवार्य होगा। साथ ही आज से अन्य बदलाव भी होंगे।

महेंद्र गोयल, व्यापारी व जीएसटी जानकार