प्रयागराज ब्यूरो । बारिश के मौसम में डेंगू एक बार फिर से दस्तक दे रहा है। हालांकि अभी शुरुआत है, इसलिए अगर सतर्क हो गए तो इस महामारी को पैर पसारने से रोका जा सकता है। ऐसा इसलिए कि शहर के आधा दर्जन एरिया में डेंगू के लार्वा पाए गए हैं। इनको तत्काल नष्ट कराया गया। स्वास्थ्य विभाग द्वारा चलाए जा रहे अभियान के तहत अलग अलग मोहल्लों में डेंगू के लार्वा की खोजबीन के साथ लोगों का जागरुक भी किया जा रहा है।
कूलर में मिल रहे लार्वा
अभी तक कुल 44 घरों में डेंगू के लार्वा मिले हैं। इसमें सबसे ज्यादा केसेज सीडीए पेंशन कालोनी और राजापुर एरिया में सामने आए हैं। इसके अलावा नैनी, झूंसी और कालिंदीपुरम में भी लार्वा की मौजूदगी मिली है। सबसे ज्यादा लार्वा कूलर में पनप रहे हैं। जिला मलेरिया विभाग के अधिकारियों का कहना है कि बारिश के सीजन में लोग कूलर का पानी चेंज नही करते हैं, इसलिए लार्वा पनप रहे हैं। आगे चलकर इन्ही मच्छरों के जरिए डेंगू का वायरस तेजी से फैल सकता है। इसके साथ ही प्लास्टिक, मिट्टी के बर्तन, टायर आदि में भी लार्वा सामने आए हैं।
इन चीजों का रखना होगा ध्यान
घर में रखे टायर, प्लास्टिक बर्तन, मिट्टी के बर्तन, गमलों आदि में भरे पानी को हटा दिया जाए।
घर के आसपास हुए जलभराव को रोकना भी जरूरी है।
पूरे पैर और हाथ के कपड़े पहनना जरूरी है
सोते समय मच्छरदानी का उपयोग किया जाए।
बुखार आने पर डॉक्टर से जरूर सलाह लें।
दो नए डेंगू के केस आए सामने
मौजूदा साल में अब तक पांच डेंगू के केस मिल चुके हैं। इस सीजन में मंगलवार को दो नए मामले मिले हैं। इनमें एक म्योराबाद और दूसरा मेजा का मरीज है। जिन एरिया में मरीज मिले हैं वहां पर मलेरिया विभाग द्वारा एंटी लार्वा स्प्रे कराया जा रहा है। उधर डीएम संजय कुमार खत्री ने तत्काल डेंगू कंट्रोल रूम सक्रिय करते हुए निगरानी करने के आदेश दिए हैं। बता दें कि 2022 में सबसे ज्यादा डेंगू के मामले सामने आए थे।
कब कितने मिले मरीज
वर्ष डेंगू केस
2019 1121
2020 57
2021 1299
2022 1465
2023 अब तक 5
बॉक्स
हर जांच की देनी होगी जानकारी
पिछले साल सामने आए केसेज में सबसे ज्यादा डेंगू के मामलों में मल्टी आर्गन फेलियर पता चला था। मरीजों को काफी परेशानी हुई थी। डेंगू के सबसे अधिक केसेज प्राइवेट अस्पतालों में भर्ती थे। लेकिन इनकी एनएस वन जांच की जानकारी स्वास्थ्य विभाग और सरकार को नही मिल रही थी। ऐसे में सरकार ने इस बार नया नियम बनाया है। जिसमें कहा गया है कि प्राइवेट अस्पताल और लैब मरीज की एनएस वन जांच कराते हैं तो इसकी जानकारी तत्काल यूडीएसपी पोर्टल पर डालनी होगी। अगर जांच की जानकारी छिपाई तो संस्थान का लाइसेंस कैंसिलेशन की कार्रवाई की जाएगी। सरकार के आदेश के बाद उम्मीद की जा रही है इस बार सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों में डेंगू के जितने भी मरीज भर्ती होंगे, उनकी पूरी जानकारी पोर्टल पर उपलब्ध होगी।
स्क्रीनिंग जांच है एनएस वन
बता दें कि डेंगू की अधिकृत जांच एलाइजा है, जो केवल एमएलएन मेडिकल कॉलेज में होती है। जबकि एनएस वन में डेंगू की स्क्रीनिंग होती है। लेकिन प्राइवेट अस्पताल इसे डेंगू कफर्म मानकर तत्काल इलाज शुरू कर देते हैं। यही कारण है कि सरकार इन मरीजों का भी पूरा डाटा अपने पास रखना चाहती है। जिससे कि डेंगू के बदलते व्यवहार की पूरी प्राप्त की जा सके।
वर्जन
आधा दर्जन मोहल्लो में 44 घरों में डेंगू के लार्वा मिले हैं। सभी जगह उन्हें नष्ट करा दिया गया है। लोगों को डेंगू के लक्षणों और बचाव से जागरुक किया जा रहा है। खासकर कूलर का पानी हटाने की अपील की जा रही है। क्योंकि सबसे ज्यादा लार्वा यही मिले हैं।
आनंद सिंह, जिला मलेरिया अधिकारी, प्रयागराज
सभी लैब और अस्पतालों से कहा गया है कि वह अपने यहां की डेंगू जांच की जानकारी यूडीएसपी पोर्टल पर उपलब्ध कराएं। ऐसा नही करने पर उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
डॉ। वरुण क्वात्रा, जिला सर्विलांस अधिकारी, प्रयागराज