प्रयागराज ब्यूरो नया पुरवा का चेन स्नेचर विजय सरोज बेहद शातिर है। वह स्कूटी और बाइक से चेन स्नेचिंग की घटना को अंजाम देता था। जब स्कूटी सवार चेन स्नेचर की चर्चा शुरू होती थी तो विजय बाइक से चेन स्नेचिंग शुरू कर देता था। उस पर तुर्रा ये कि स्कूटी बगैर नंबर की रहती थी और बाइक पर फर्जी नंबर डालकर रखता था। ताकि पकड़ में न आए। मगर एक के बाद एक केस दर्ज होता रहा, विजय जेल जाता रहा मगर जमानत के बाद फिर से चेन स्नेचिंग की घटना शुरू कर देता था।

नया पुरवा के विजय सरोज ने २०१७ में चेन स्नेचिंग की वारदात शुरू की। उसके खिलाफ पहला मुकदमा २०१७ में ही लिखा गया, इस केस में उसे जेल भेजा गया मगर वह तीन महीने बाद जमानत पर छूट गया। इसके बाद विजय पूरी तरह से चेन स्नेचिंग के धंधे में उतर गया। विजय ने जार्जटाउन इलाके में चेन स्नेचिंग की वारदात को करना शुरू कर दिया। जिसका नतीजा रहा कि अकेले जार्जटाउन थाने में ही उसके खिलाफ दस केस दर्ज हैं। इसके अलावा उसने कर्नलगंज, दारागंज और शिवकुटी थाना क्षेत्र में भी घटनाओं को अंजाम दिया मगर ज्यादा घटनाएं जार्जटाउन इलाके में की।

झूंसी को बना रहा था गढ़

चेन स्नेचिंग की घटना को अंजाम देने के लिए विजय झूंसी इलाके को अपना गढ़ बना रहा था। जिसका नतीजा रहा कि इसी साल उसके खिलाफ तीन केस दर्ज हुए। लगातार चेन स्नेचिंग की वारदात से झूंसी पुलिस सकते में आ गई। विजय का नाम सामने आने पर पुलिस उसकी तलाश में लग गई। मुखबिरों को उसके पीछे लगाया गया। जिसका नतीजा रहा कि रविवार रात विजय मुठभेड़ में पकड़ा गया।

अकेलेे करता था वारदात

विजय ने शुरूआत में अपने एक साथी के साथ चेन स्नेचिंग की घटना शुरू किया। मगर पहचान छिपाने के लिए वह अकेले चेन स्नेचिंग करने लगा। उसने डिस्कवर बाइक अपनी पत्नी के नाम ली। जिसमें वह नंबर बदल कर वारदात को अंजाम देता था। जबकि नीले रंग की स्कूटी विजय के नाम है। स्कूटी में बगैर नंबर के ही वह चेन स्नेचिंग करता था।