ईद मिलादुन्नबी के मौके पर मुस्लिम बहुल इलाकों में जश्ने जियारत

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PRAYAGRAJ: सरकार की आमद मरहबा, आका की आमद मरहबा। गंगा-जमुनी तहजीब की धरती पर ईद मिलादुन्नबी के मौके पर अकीदतमंदों ने कुछ ऐसे ही अपनी खुशी का इजहार किया। पैगंबर-ए-इस्माल हजरत मोहम्मद साहब की यौमे पैदाईश के मौके पर एक दूसरे को मुबारकबाद दी। अकीदतमंदों ने जुलूस निकाला।

फातिहा कर किया इसाले सवाब

बुधवार को पुराने शहर के अधिकांश इलाकों में घर-घर मीठे पकवान बनाए गए। फातिहा के बाद रसूल को चाहने वालों ने इसाले सवाब किया। इबादतगाहों और मस्जिदों में लोगों ने नमाज पढ़ी। रात्रि में जगह जगह तकरीरें हुई।

पैगम्बर के बाद कोई नबी नही

ईद मिलादुन्नबी को मौलिद मावलिद के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन 570 ईसवी में पैगंबर हजरत मुहम्मद का मक्का में जन्म हुआ था। इस्लामिक कैलेंडर के तीसरे महीने रबी-अल-अव्वल की 12वीं तारीख को उनका जन्म माना जाता है। हजरत मुहम्मद को इस्लाम का आखिरी नबी माना जाता है। मुसलमानों का अकीदा है कि पैगंबर मुहम्मद के बाद कोई नबी नहीं आएगा।

नातिया कलाम से महका इलाका

यौमे विलादत की रात नातिया कलामों से शहर का पुराना इलाका महकता रहा। नौजवानों ने नारे तकबीर की सदा बुलन्द करते हुए जुलूसे मोहम्मदी निकाला। इस दौरान नात ख्वानो ने महबूबे खुदा की आमद का जश्न मनाया। नखास कोहना सेवई मण्डी से वारसी कमेटी तो करैली और दायराशाह अजमल से भी जुलूसे मोहम्मदी निकाला गया।

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महफिले पाक से गुलजार

जियारत-ए-तबकुरत कमेटी मस्जिद हकीम बादशाह यहीयापुर मालवीय नगर की अगुवाई में जश्ने ईद मिलादुन्नबी का एहतेमाम किया गया। इस मौके पर मुए मुबारक और कदमे रसूल मुबारक की जियारत कराई गई। हजरत मौलाना कारी ग्यासुद्दीन तथा मौलाना शादाब सुल्तान ने अपने नुरानी बयानात से जायरीनों को नवाजा और शायरे कासित रूही ने महफिले पाक को गुले गुलजार किया। महफिल की सरपरस्ती सैय्यद आले हम्माद ने की।