प्रयागराज (ब्‍यूरो)। शहर के जोन एक एरिया में एक दर्जन वार्ड आते हैं। इनमें खुल्दाबाद, लूकरगंज, चकिया, बेनीगंज, झलवा, राजरूपपुर, करेली, हिम्मतगंज, चक निरातुल आदि शामिल हैं। इनमें सवा सौ मोहल्ले हैं जिनमें लगभग दो सौ होलिकाएं हर साल जलती हैं। इन वार्डों से रोजाना 100 से 110 मीट्रिक टन कूड़ा रोजाना निकलता है और दस फीसदी कचरा बच भी जाता है। यह कचरा सड़कों और गलियों में नजर आता है। इसी का कुछ हिस्सा लोग होलिका में भी रोजाना फेक देते हैं। धीरे-धीरे होलिका की जगह कचरे का ढेर तैयार हो जाता है। जोन एक में 498 सफाई कर्मियों को लगाया गया है।
जो मन आया फेक दिया
नियमानुसार होलिका में गोबर के उपले, लकड़ी और सूखे पत्ते या टहनियां डाली जाती हैं। इसके अलावा गेहूं की बालियां और उबटन भी डाला जाता है। होलिका की राख को माथे पर लगाया जाता है। लेकिन मौजूदा ट्रेंड में टायर, कपड़े, रजाई गद्दे, कचरा, प्लास्टिक, बोरी, पालिथिन आदि भी होलिका में जलाया जाने लगा है। रविवार को बेनीगंज चौराहा, करबला मोड़, चकिया जैन मंदिर, चकनिरातुल चकिया आदि की होलिका में लगभग यही देखने को मिला। इनमें लकड़ी के साथ कचरा भी पड़ा था। हवा और जानवरों की वजह से यह सड़क पर फैल गया था।
बढ़ता है पाल्यूशन लेवल
होलिका में पालिथिन, प्लास्टिक सहित गंदा कचरा जलाने से पाल्यूशन लेवल भी बढ़ता है। अक्टूबर से जनवरी के बीच इन एरिया में पाल्यूशन लेवल डेंजरस लेवल पर पहुंच गया था, क्योंकि लोग आग में तमाम चीजें जलाते हैं। इस धुएं में कार्बन मोनो आक्साइड, नाइट्रोजन जैसी घातक गैस भी शामिल होती हैं। सड़क पर होलिका जलाने से सड़कें खराब हो जाती हैं। इनका तारकोल गलने लगता है। वहीं होलिका में कचरा डालने से यह उड़कर घरों में जाता है और तमाम बीमारियों का कारण बनता है।
कभी भी आ सकती है टीम
मार्च के महीने में स्वच्छता सर्वेक्षण शुरू हो सकता है। इसके लिए केंद्र सरकार की ओर से कभी भी टीम भेजी जा सकती है। यह टीम मोहल्ले-मोहल्ले जाकर लोगों से स्वच्छता को लेकर फीड बैक लेगी। अगर कहीं पर गंदगी या कूड़ा नजर आया तो इसके नंबर सर्वेक्षण में काट लिए जाएंगे। पिछले साल तक यह सर्वेक्षण केवल 6000 अंक का होता था, इस बार इसमें 1500 अंक बढ़ा दिए गए हैं। इसलिए सर्वे पहले से अधिक टफ होगा। यह भी बता दें कि 2020 के सर्वे में प्रयागराज का रैंक 20 था जो 2021 में घटकर 26 पर आ गया था। इसलिए इस बार सुधार की अधिक गुंजाइश है।
ऑनलाइन दीजिए फीडबैक
स्वच्छता सर्वेक्षण में अपने शहर को जिताने के लिए आप फीड बैंक भी दे सकते हैं। इसके लिए सरकार ने तीन आप्शन दिए हैं। इसमें से पहला आप्शन माई गवर्नमेंट ऐप, दूसरा आप्शन स्वच्छता ऐप और तीसरा ऐप क्यू आर कोड है। इनके जरिए 15 अप्रैल तक अपने शहर की सफाई व्यवस्था पर फीड बैक देकर उसकी रैंक में सुधार कर सकते हैं। जानकारी के मुताबिक अब तक प्रयागराज से 2090 फीड बैक दिए जा चुके हैं।
शहर में कहा कितनी जलती है होलिका
कोतवाली- 61
शाहगंज- 24
खुल्दाबाद- 68
धूमनगंज- 100
केरली- 54
सिविल लाइंस- 60
कीडगंज- 45
कैंट- 45
मुट्ठीगंज- 24
अतरसुईया- 66
कर्नलगंज- 66
शिवकुटी- 30
जार्जटाउन- 70
दारागंज- 50
कुल- 763
केवल 49 वार्ड में उठ रहा है कूड़ा
स्वच्छता सर्वेक्षण के लिए नगर निगम की डोर टू डोर कूड़ा उठाने का सिस्टम भी घातक हो सकता है। इस समय शहर के केवल 49 वार्ड से कूड़ा उठ रहा है। बाकी वार्ड में डोर टू डोर कलेक्शन शुरू नही हो सका है। बचे हुए 40 वार्ड में कूड़ा उठाने का ठेका एजेंसी ओम स्वच्छता को दिया गया है। लेकिन यह केवल नौ वार्ड में ही काम शुरू कर सकी है। बाकी जगह अभी व्यवस्था शुरू नही हो सकी है।
लोगों से उम्मीद है कि वह होली का त्योहार स्वच्छता के साथ मनाएंगे। होलिका लगाने के साथ परंपराओं का पालन करेंगे और इसकी आड़ में कचरा नहीं फैलाएंगे। क्योंकि सर्वेक्षण शुरू होने जा रहा है और लापरवाही से रैंक खराब हो सकती है।
उत्तम कुमार वर्मा, पर्यावरण अभियंता, नगर निगम प्रयागराज

जोन में तेरह वार्ड हैं और इनके प्रत्येक मोहल्ले में दो से तीन होलिकाएं हर साल लगाई जाती हैं। लोग इनमें कचरा फेक देते हैं जबकि ऐसा नही करना चाहिए। इससे होलिका की पवित्रता पर असर पड़ता है। सड़कों पर होलिका जलाने से वह खराब हो जाती हैं।
नीरज सिंह, जोनल अधिकारी, जोन एक

होलिका हर साल लगाई जाती है लेकिन इस बात का ख्याल रखा जाता है कि इसकी पवित्रता बनी रहे। कुछ लोग इसमें गंदगी डाल देते हैं और इस पर रोक लगाई जाएगी।
रमेश कुमार

लोगों को खुद सोचना चाहिए कि होलिका में कचरा नही डाले। स्वच्छता सर्वेक्षण में जो टीम आएगी वह तो कचरा देखकर नंबर कम कर देगी।
विकास भारतीय

साल में एक बार ऐसा मौका आता है जब शहर की सफाई व्यवस्था का असेसमेंट किया जाता है। ऐसे मौके पर शहर के लोगों को एक साथ गंदगी को दूर भगाने का काम करना चाहिए।
अमित यादव

लोगों को जागरूक किया जाएगा कि वह होलिका में कचरा न फेंके। अगर कोई ऐसा करते पाया जाएगा तो उन्हे समझाया जाएगा। हम लोगों ऐसे मौके पर जागरुक होना होगा।
अवधेश मौर्य
हमारी परंपरा में है कि होलिका में केवल लकड़ी, गोबर के उपले ही डाले जाएंगे। महिलाएं उबटन भी डालती हैं लेकिन आजकल लोग कचरा डाल रहे हैं। यह गलत है और इस पर रोक लगनी चाहिए।
अमरनाथ