प्रयागराज (ब्यूरो)। प्रदेश में पुलिस महकमे से जुड़ी बड़ी खबर है। अब सभी थानों पर सीसीटीवी कैमरा होगा। इसके लिए कवायद शुरू कर दी गई है। अभी केवल आधे से कम थानों में ही सीसीटीवी कैमरे लगाए जा सके हैं। सीसीटीवी कैमरे लगने के बाद आपराधिक घटनाओं को लेकर थानों में होने वाले गोलमाल पर पाबंदी लगने की उम्मीद है।
प्रदेश में करीब तीन हजार थाने हैं। थानों पर फरियादियों के प्रति पारदर्शिता बरतने और पुलिस की अमानवीय छवि पर अंकुश लगाने के लिए सीसीटीवी कैमरे लगवाने की शुरुआत कई साल पहले की गई थी। मगर बजट के अभाव में शहरी क्षेत्र के थानों में ही सीसीटीवी लग सके। आधे से अधिक थानों में सीसीटीवी कैमरे नहीं लगे। जिससे आए दिन थाने के अंदर लोगों से अभद्रता की खबरें आम होती रहती हैं। साथ ही थानों के अंदर पुलिस की अराजक कार्यशैली को लेकर कोई साक्ष्य नहीं होता है। इससे आए दिन पुलिस महकमे की बड़ी किरकिरी होती है। इसकी रोकथाम के लिए अब नई कवायद शुरू की जा रही है। शहरी क्षेत्र के बचे थानों के अलावा ग्रामीण इलाकों तक सभी जगह सीसीटीवी कैमरे लगवाए जाएंगे। इसके लिए प्रदेश सरकार ने पुलिस मुख्यालय को करीब 144 करोड़ रुपये का बजट जारी कर दिया है।
2024 के पहले लगेंगे कैमरे
प्रदेश सरकार इस मसले को लेकर बेहद गंभीर है। प्रमुख सचिव गृह ने अपने आदेश में कहा है कि 31 मार्च 2024 तक सभी थानों में सीसीटीवी कैमरा लगाने का काम पूरा कर लिया जाए। इसकी जिम्मेदारी पुलिस मुख्यालय को दी गई है।
मुख्यालय के थानों पर लगेंगे छह कैमरे
सीसीटीवी कैमरे लगाने के लिए गाइड लाइन जारी की गई है। जिसमें कहा गया है कि सर्किल मुख्यालयों के थानों पर छह कैमरे लगाए जाएंगे। इसके अलावा ग्रामीण इलाके के थानों में पांच कैमरे लगाए जाएंगे। साथ ही सीसीटीवी कैमरे लगाने की प्रगति रिपोर्ट हर महीने मांगी गई है। ताकि काम में लेटलतीफी न हो।
थानों में खराब हैं सीसीटीवी
शासन स्तर से भले ही बचे थानों में सीसीटीवी कैमरे लगाने की कवायद की जा रही हो लेकिन पूर्व में जिन थानों में कैमरे लग चुके हैं उनका कोई हाल पूछने वाला नहीं है। तकनीकि खराबी के चलते तमाम थानों में सीसीटीवी कैमरे बंद पड़े हैं। या फिर शो पीस बनकर रह गए हैं।