- परीक्षाओं में लघु और दीर्घ उत्तरीय प्रश्नों की संख्या 10 परसेंट कम करने की तैयारी, नोटिफिकेशन जारी
सब्जेक्ट को समझने के बजाए, उसे रट कर एग्जाम देने वाले स्टूडेंट्स को अब ज्यादा मेहनत करनी होगी, क्योकि सीबीएसई नए सेशन 2021-22 से अपने यहां 9वीं से 12वीं तक की परीक्षा के पैटर्न में बदलाव करने जा रहा है। परीक्षा के साथ ही स्टूडेंट्स के मूल्यांकन में भी बदलाव की बोर्ड की ओर से तैयारी की जा रही है। जिससे स्टूडेंट्स में प्रश्नों को समझने और उसकी समस्या को सॉल्व करने की क्षमता विकसित हो सके। जबकि अभी तक स्टूडेंट्स प्रश्नों और उसके आंसर को याद करके परीक्षा के दौरान लिखते थे। इस कारण बड़ी संख्या में स्टूडेंट्स का कांसेप्ट क्लीयर ही नहीं होता था। लेकिन बोर्ड की ओर से किए जा रहे बदलाव के बाद ये समस्या खत्म हो जाएगी और स्टूडेंट्स बेहतर रिजल्ट हासिल कर सकेंगे। इस बारे में बोर्ड की ओर से नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया गया है।
कांसेप्ट बेस क्वैश्चन
सीबीएसई की ओर से परीक्षा पैटर्न में किए जा रहे बदलाव के अन्तर्गत अब कांसेप्ट बेस क्वैश्चन भी एग्जाम में शामिल किए जाएंगे, जबकि पहले के मुकाबले नए सेशन से परीक्षा के लघु उत्तरीय और दीर्घ उत्तरीय प्रश्नों की संख्या में 10 परसेंट तक की कटौती की जाने की तैयारी है। बोर्ड की ओर से जारी नोटिफिकेशन में स्कूलों को मूल्यांकन परीक्षणों (आंतरिक और वर्ष के अंत परीक्षा) की संरचना में कुछ बदलाव करने के लिए कहा है। इसका मतलब है कि सीबीएसई 9 वीं, 10 वीं, 11 वीं और 12वीं के परीक्षा पैटर्न में कुछ बदलाव करेंगे। बोर्ड का कदम राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुसार है।
प्रश्नपत्र में होगा ये बदलाव
- बोर्ड ने सेशन 2021-22 में परीक्षा और मूल्यांकन की प्रक्रिया में बदलाव करने की बात कही है। इसके अलावा परीक्षा में क्षमता आधारित प्रश्न भी जोड़े गए हैं।
- ये प्रश्न वास्तविक जीवन से या अपरिचित परिस्थितियों से जुड़े होंगे। - 11वीं और 12वीं की परीक्षा में 20 परसेंट प्रश्न योग्यता आधारित और 20 परसेंट ऑब्जेक्टिव प्रश्न होंगे।
- इसमें कहा गया है कि योग्यता आधारित प्रश्न भी बहुविकल्पीय, केस बेस्ड, सोर्स बेस्ड इंटीग्रेटेड या किसी अन्य प्रकार के हो सकते है।
- जबकि 10वीं में योग्यता आधारित प्रश्नों की संख्या कम से कम 30 फीसदी रहेगी। 20 फीसदी प्रश्न ऑब्जेक्टिव टाइप और शेष 50 फीसदी लघु उत्तरीय और दीर्घ उत्तरीय प्रकार के होंगे।
- गौरतलब है कि सीबीएसई ने इससे पहले मार्च में शैक्षणिक सत्र 2021-22 के लिए सैंपल पेपर और सिलेबस जारी किया था।
- जिसे देखकर स्टूडेंट्स योग्यता पर आधारित प्रश्नों के पैटर्न को समझ सकते है।
- बोर्ड की ओर से अभी तक लागू व्यवस्था के अन्तर्गत नौंवीं और 10वीं की परीक्षा में 70 फीसदी और 11वीं, 12वीं में 60 फीसदी प्रश्न लघु और दीर्घ उत्तरीय होते थे।
ऑनलाइन क्लासेस में नहीं दिख रही थी दिलचस्पी
सिटी के विभिन्न स्कूलों की प्रिंसिपल ने नए परीक्षा पैटर्न को लेकर बताया कि लास्ट इयर से ऑन लाइन क्लासेस संचालित हो रही है। सिटी में तो स्थिति ठीक है, लेकिन रूलर एरिया के स्कूलों में ये दिक्क्त आ रही थी कि बच्चे ऑन लाइन क्लासेस को ज्यादा सीरियसली नहीं ले रहे थे। जिसका सीधा असर उनकी पढ़ाई पर पड़ रहा था। बच्चे रटने पर ज्यादा फोकस करते थे। दूसरी ओर बोर्ड ने कहा गया है कि मूल्यांकन स्टूडेंट्स के अधिक सीखने और एनालिसिस, क्रिटिकल थिंकिंग, कंसेप्चुअल क्लीयरिटी विकास पर केंद्रित होना चाहिए.स्कूलों की माने तो नए पैटर्न के लागू होने के बाद ये स्थिति में सुधार होगा। जिससे बच्चों के साथ पैरेंट्स भी कांसेप्ट बेस क्वैश्चन को समझने में दिलचस्पी दिखाएंगे। जो आगे बच्चों को कई तरह से हेल्पफुल होगा।