जागरुक होने पर पहले से अधिक आसान हुआ है कैंसर का इलाज

कैंसर का इलाज पहले से अधिक आसान हो चुका है। लोग इस जानलेवा बीमारी को लेकर जागरुक हो गए हैं और नई जांच पद्धतियों के आ जाने से कैंसर को डायग्नोस करना भी कठिन नही रह गया है। ऐसे में समय रहते जानकारी हो जाने से इसका इलाज संभव है। कर्वी चित्रकूट के रहने वाले श्यामलाल निषाद इसकी जीवंत मिसाल हैं। वह पित्त की थैली के कैंसर से पीडि़त थे और अर्ली जांच में बीमारी के पकड़े जाने के बाद एसआरएन हॉस्पिटल में उनका इलाज हुआ और अब वह घर पर सामान्य जीवन बिता रहे हैं।

परेशान हो गया था पूरा घर

श्यामलाल बताते हैं कि 2017 में अचानक उनकी तबियत खराब रहने लगी थी। कुछ खाने के बाद वह पचता नही था। तत्काल शौच को जाना पड़ता था। इससे वह परेशान हो चुके थे। लोकल डॉक्टर्स का इलाज चला लेकिन दवाओं का अधिक फायदा नही हुआ। इसके बाद डॉक्टर्स ने अल्ट्रासाउंड कराने की सलाह दी। जिसमें पित्त की थैली में गांठ होने की पुष्टि हो गई। इसके बाद उन्होंने एसआरएन हॉस्पिटल का रुख किया।

सही दिशा में किया इलाज

हास्पिटल के सर्जरी विभाग के प्रवक्ता डॉ। संतोष सिंह ने श्यामलाल के इलाज में अहम भूमिका निभाई। उन्होंने जांच, दवा और इलाज में उनकी पूरी मदद की। इसके बाद सर्जरी विभाग के हेड डॉ। शबी अहमद ने आपरेशन कर गांठ को बाहर निकाल दिया। इसके बाद लंबी दवा चली साथ ही परहेज करने के लिए भी कहा गया। चिकनी और मसालेदार चीजों से दूरी बनाने के बाद तेजी से बॉडी रिकवर हुई। कुछ दिनों बाद श्यामलाल को डिस्चार्ज कर वापस घर भेज दिया गया।

जरा सी देरी हो सकती थी जानलेवा

श्यामलाल के बेटे योगेंद्र का कहना है कि अगर जांच मं थोड़ी देर होती तो शायद उनके पिता ठीक न हो पाते। लेकिन समय रहते जागरुकता और सही सलाह से उनकी जान बचा ली गई। बता दें कि जिले में हर साल कैंसर के दस हजार नए मरीज आते हैं और इनमें से कई मरीजों को तीसरी और चौथी स्टेज में आने के बाद बचाना मुश्किल हो जाता है।

बदला है सिनेरियो, जागरुक हो रहे लोग

कमला नेहरू मेमोरियल हॉस्पिटल के कैंसर विंग की प्रभारी डॉ। राधारानी घोष कहती हैं कि अब पहले से अधिक लोग कैंसर से रिकवर हो रहे हैं।

लेकिन मरीजों की संख्या भी बढ़ी है। इसका कारण है एडवांस जांच का उपलब्ध होना जिससे अधिक मरीज ट्रेस हो रहे हैं।

हालांकि जल्दी जांच और इलाज मिलने से ठीक होने वाले मरीजों की ंसख्या में भी दस फीसदी की बढ़ोतरी हुई है।

सर्वाइकल कैंसर को लेकर महिलाए ंजागरुक हो गई हैं।

जबकि तंबाकू से होने वाले कैंसर को लेकर लोगों ने नशे से दूरी बनानी शुरू कर दी है।

प्रयागराज में सर्वाधिक मामले पित्त की थैली में कैंसर के आते हैं।

जिसकी जांच पर अधिक ध्यान दिया जा रहा है। लोगों को खानपान में होशियारी बरतने की सलाह दी जा रही है।

नि:शुल्क परामर्श, जांच पर छूट

कमला नेहरू हॉस्पिटल की कैंसर विंग की ओर से कमला नेहरू ग्रामीण हॉस्पिटल नेवादा समोगर में नैनी में सुबह नौ बजे से नि:शुल्क स्वास्थ्य शिविर का आयोजन होगा। जिसमें समस्त जांच पर 50 फीसदी की छूट दी जाएी। कैंप में डॉ। मो। नावेद और डॉ। प्रभात उपलब्ध रहेंगे। डॉ। रुमा व डॉ। रीत महिला मरीज के लिए उपलब्ध होंगे। कैंसर के लक्षण व रोकथाम पर डॉ। सोनिया तिवारी का व्याख्यान स्कूल आफ हेल्थ साइंस कमला नेहरू हॉस्पिटल में सुबह दस बजे से होगा। यह जानकारी मुख्य अधिशासी अधिकारी डॉ। मधु चंद्रा ने दी है।