प्रयागराज (ब्‍यूरो)। छात्रों ने आज सोशल मीडिया में नीट यूजी पेपर रद्द करने को लेकर आवाज उठाई। सोशल मीडिया पर पेपर फिर से चलाने की कैंपेन चलाने वाले छात्रों ने कहा कि बिहार आर्थिक अपराध शाखा व सीबीआई की अब तक हुई जांच में पेपर लीक के पर्याप्त सबूत हैं। तब सवाल उठता है कि केंद्र सरकार सुप्रीम कोर्ट में दाखिल हलफनामे में किस आधार पर यह दावा कर रही है कि नीट यूजी परीक्षा में गोपनीयता का व्यापक स्तर पर उल्लंघन नहीं हुआ है। अगर केंद्र सरकार के इस दावे को सच भी मान लिया जाए कि गोधरा व पटना के परीक्षा केंद्रों में गड़बड़ी हुई है तब भी तो परीक्षा की शुचिता भंग हुई। ऐसे में पेपर लीक व धांधली से सफल हुए छात्रों को डिबार करना कैसे संभव होगा।

छात्रों ने उठाये सवाल
क्या इन परीक्षा केंद्रों में शामिल छात्रों के लिए पुनर्परीक्षा आयोजित की जाएगी? इसका कोई ठोस जवाब केंद्र सरकार के पास नहीं है। सरकार के इस तर्क का भी कोई औचित्य नहीं है कि पेपर रद्द करने से मेधावी छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ होगा। पूर्व में तमाम परीक्षाओं को पेपर लीक होने के आधार पर इसलिए रद्द किया गया क्योंकि परीक्षा की शुचिता भंग हुई। हाल में ही नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) ने परीक्षा के पहले पेपर लीक होने की जानकारी के आधार पर यूजीसी-नेट परीक्षा रद्द कर दी। उत्तर प्रदेश में पुलिस भर्ती व समीक्षा अधिकारी/सहायक समीक्षा अधिकारी की परीक्षाएं पेपर लीक के सबूत मिलने के बाद रद्द की गईं।

शिक्षा माफियाओं को चबाने की कोशिश
दरअसल नीट यूजी पेपर लीक व धांधली प्रकरण में शुरू से ही शिक्षा माफियाओं, नेशनल टेस्टिंग एजेंसी और भ्रष्टाचार में लिप्त प्रभावशाली लोगों को बचाने की कोशिश की जा रही है। सुप्रीम कोर्ट में दाखिल हलफनामे को इसी परिप्रेक्ष्य में देखा जाना चाहिए। युवा मंच संयोजक राजेश सचान ने राष्ट्रपति द्रोपदी मूर्मू को पत्र लिखकर इस मामले में हस्तक्षेप की अपील की है। युवा मंच ने नीट यूजी काउंसलिंग प्रक्रिया को स्थगित करने के निर्णय को आंदोलन के चौतरफा दबाव का नतीजा बताया और उम्मीद जताई कि सुप्रीम कोर्ट से छात्रों को न्याय मिलेगा।
सोशल मीडिया में चलाई गई मुहिम में युवा मंच संयोजक राजेश सचान, अध्यक्ष अनिल सिंह, अमित द्विवेदी आजाद, उमाकांत द्विवेदी, अभिजीत तिवारी, सुधा कछवाहा, मनोज, बबिता भल्ला, रंजीत सिंह, अभिषेक शर्मा, श्याम बाबू अग्रवाल, विपिन गुप्ता, राहुल वर्मा, प्रशांत पाल समेत सैकड़ों छात्र व युवा शामिल रहे।