प्रयागराज ब्यूरो ।अगर आप अपने मोहल्ले में आवारा कुत्तों के आतंक से परेशान हैं तो नगर निगम ने आपकी सुविधा के लिए हेल्प लाइन नंबर जारी कर दिया है। इस पर कॉल करने के बाद आपकी शिकायत दर्ज कर ली जाएगी और नगर निगम का कैटल वाहन आकर आवारा कुत्ते को ले जाएगा। वहां उसकी नसबंदी और वैक्सीनेशन कराकर वापस छोड़ दिया जाएगा। इसके बाद यह स्ट्रीट डॉग किसी के लिए खतरा नही बनेगा।
जुलाई से शुरू हुई है व्यवस्था
यह व्यवस्था जुलाई से शुरू हुई है। जिसके तहत वार्ड वार आवारा कुत्तों को पकड़कर उनकी नसबंदी की जा रही है। इसके बाद एंटी रैबीज वैक्सीन लगाकर उन्हें वापस मोहल्ले में छोड़ दिया जाता है। इस केलिए हेल्प लाइन नंबर 8303701102 जारी किया गया है। इस पर कॉल करके अपनी शिकायत दर्ज कराई जा सकती है। आंकड़ों के मुताबिक 1300 स्ट्रीट डाग्स को शिकायत के आधार पर पकड़ा जा चुका है। इनकी नसबंदी भी की जा चुकी है।
हेल्प लाइन नंबर
8303701102 पर करें शिकायत
1300
स्ट्रीट डाग्स शिकायत पर पकड़ा जा चुका है
02
वाहन मौजूद हैं नगर निगम के पास
10
कर्मचारियों की लगाई गई है डयूटी
400
लोग रोजाना डाग बाइट्स के हो रहे शिकार
40
हजार से अधिक डाग घूम रहे सड़कों पर
संसाधनों की कमी की वजह से हो रही दिक्कत
नगर निगम के अधिकारियों का कहना है कि अभी तक आवारा कुत्तों को पकडऩे की खास व्यवस्था नही थी। निगम के पास दो वाहन मौजूद हैं और दस कर्मचारियों को लगाया गया है। यह कभी कभी आवारा कुत्तों को पकडऩे के लिए निकलते थे। अब यह काम एजेंसी को सौंप दिया गया है। जिसकी तरफ से अब स्ट्रीट डाग्स को पकड़कर उनकी नसबंदी की जा रही है।
सड़कों पर घूम रहे हजारों स्ट्रीट डाग्स
नगर निगम की ओर से आवारा कुत्तों की धर पकड़ नही होने से सड़कों पर इनकी संख्या हर साल हजारों में बढ़ रही है। वर्तमान में चालीस हजार से अधिक स्ट्रीट डॉग सड़कों पर घूम रहे हैं। यह आए दिन किसी न किसी को अपना शिकार बनाते हैं। वर्तमान में रोजाना चार सौ लोग डाग बाइट का शिकार हो रहे हैं और इंजेक्शन लगवाने की जरूरत पड़ रही है। मौजूदा सीजन में इन मामलों में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है।
वर्जन
शहरों पर आवारा कुत्तों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। आजकल तो सड़कों पर निकलना दूभर है। रात में यह दौड़ाकर काट रहे हैं। पता नही चलता कि कहां इसकी शिकायत दर्ज कराई जाए।
हर्ष कुमार विश्वकर्मा
अभी तक कोई ऐसी सुविधा नही है कि शिकायत दर्ज कराकर आवारा कुत्तों की धरपकड़ की जा सके। कई मोहल्लों में हालात अच्छे नही हैं। रात में कई लोग डाग बाइट का शिकार हो रहे हैं।
आशीष पासी
सरकारी अस्पतालों में बड़ी संख्या में रोजाना लोगों को रैबीज का इंजेक्शन लगाया जा रहा है। मेडिकल स्टोर्स पर भी चार से पांच सौ रुपए में इनकी डोज मिल रही है। मांग अधिक होने से इंजेक्शन का दाम भी बढ़ रहा है।
राज कुमार
जुलाई से हमने सिस्टम चालू कर दिया है। शिकायत के लिए नंबर भी जारी किया गया है। जिस एजेंसी को काम दिया गया है उनकी ओर से शिकायत के आधार पर स्ट्रीट डॉग को पकड़कर उनकी नसबंदी कर दी जाती है।
विजय अमृतराज, पशुधन अधिकारी नगर निगम प्रयागराज