- जूम मीटिंग के जरिए दिए गए दिशा निर्देश, कोविड से प्रभावित बच्चों की सुरक्षा और देखभाल पर हुआ मंथन

- जानकारी दिए जाने के बाद यह संस्थाएं उठाएंगी कदम, होगी सुनवाई

प्रयागराज- कोई बच्चा कोरोना प्रभावित है तो उसकी सहायता के लिए दो हेल्पलाइन नंबरों पर सूचना दी जा सकती है। यह संस्थाएं ऐसे बच्चों की सुरक्षा के साथ देखभाल के लिए कदम उठाएंगी। मंगलवार को यूनिसेफ और महिला एवं बाल विकास विभाग उप्र के बीच हुई मीटिँग में यह दिशा निर्देश जारी किए गए। जूम मीटिंग के माध्यम से हुई इस बैठक में कहा गया कि कोरोना की दूसरी लहर में बच्चे बडी संख्या में प्रभावित हुए हैं। इनमें से कुछ के एक तो किसी के माता-पिता दोनों का लॉस हुआ है। ऐसे बच्चों को शोषण से बचाने के लिए उचित कदम उठाए जाने जरूरी हैं।

बिना देरी किए दे जानकारी

मीटिंग में यूनिसेफ उत्तर प्रदेश की चीफ और फील्ड ऑफिसर रूथ लियनो ने कहा कि कोरोना महमारी प्रभावित बच्चों केा सुरक्षा की आवश्यकता है। ऐसे बच्चों की जानकारी मिलते ही चाइल्डलाइन 1098 अथवा महिला हेल्पलाइन 181 हेल्पलाइन नंबर पर सूचित किया जाए। प्रमुख सचिव महिला एवं बाल विकास विभाग वी हेकाली झिमोमी ने कहा कि सरकार ऐसे बच्चों का पता लगाने में जुटी है। इन सभी बच्चों की सुरक्षा हमारी प्राथमिकता है।

गलत हाथों में जा सकते हैं बच्चे

उन्होंने कहा कि हाल ही में सोशल मीडिया पर बच्चों के दत्तक ग्रहण को लेकर बहुत सी अपील की जा रही थीं। इस प्रकार के सभी मेसेज न सिर्फ गैर कानूनी हैं बल्कि बच्चों को अपनों से दूर कर उन्हे गलत हाथों में पहुंचा सकते हैं। इससे उनके शोषण का खतरा बढ़ सकता है। उत्तर प्रदेश राज्य बाल संरक्षण आयोग के अध्यक्ष डॉ विशेष गुप्ता ने कहा उत्तर प्रदेश बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने कोविड प्रभावित बच्चों की सुरक्षा ,संरक्षण और पुनर्वासन के लिए शासन और प्रशासन को कड़ी कार्यवाही के लिए लिखा है। आयोग द्वारा बच्चों के सामान्य उत्पीड़न, यौन उत्पीड़न, मानव तस्करी एवं कोविड काल में निराश्रित हुए बच्चों से जुड़े मुद्दों को पूरी सजगता के साथ संज्ञान में लिया जा रहा है।

24 घंटे के भीतर पेश होंगे बच्चे

बताया गया कि विभाग की समस्त इकाइयां पूरी तत्परता से ऐसे बच्चों को 24 घंटे के अंदर बाल कल्याण समिति के समक्ष प्रस्तुत करते हुये उन्हें आवश्यक देखरेख व संरक्षण प्रदान कर रही है। यूनिसेफ इंडिया कंट्री ऑफिस के बाल संरक्षण विशेषज्ञ आफताब मोहम्मद ने कहा महामारी के कारण बच्चे घरों में बंद हैं। वे अपने दोस्तों से नहीं मिल पा रहे, स्कूल नहीं जा पा रहे और अपने आस पास लोगों की मृत्यु देख रहे हैं। इन सब के कारण बच्चे अपना बचपन खो रहे हैं और अपनों को खोने के भय में जी रहे हैं। ऐसे में हम सब की इन बच्चों के प्रति जिम्मिेदारी और भी बढ़ जाती है। हमे इन बच्चों के बचपन को बचाने के लिए सामने आना होगा।

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प्रयागराज में मिले 34 बच्चे

प्रशासन द्वारा ऐसे बच्चों की तलाश की जा रही है। अब तक कुल 34 ऐसे बच्चे ट्रेस हुए हैं और इनमें से चार ऐसे हैं जिन्होंने अपने माता-पिता दोनों को खो दिया है। इसी क्रम में 30 ऐसे हैं जिनका माता-पिता में कोई एक लॉस हुआ है। जिला प्रोबेशन विभाग द्वारा इन बच्चों का फिजिकल वेरीफिकेशन किया जा रहा है। इसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। अधिकारियो का कहना है कि अभी सर्वे चल रहा है। अभी इन बच्चों की संख्या बढ भी सकती है

जन सामान्य को ऐसे मामलों में सतर्क रहना होगा। कोरोना प्रभावित बच्चों के बारे में तत्काल सूचित दिए गए हेल्पलाइन नंबरों पर करना होगा।

पंकज मिश्रा, जिला प्रोबेशन अधिकारी प्रयागराज