प्रयागराज ब्यूरो । कोरांव रूट पर सफर करने वाले पैसेंजर्स के लिए अच्छी सूचना है। येन केन प्रकारेण इस रोड पर बस सेवा को बंद कर देने वाले परिवहन विभाग ने इस रोड पर फिर से बसें चलाने की तैयारी कर ली है।
57 साल पुराना है बस अड्डा
कोरांव बस अड्डे को सन 1965 में बनवाया गया था। यानि यहां से बस के संचालन की अहमियत पुराने अफसरों ने आज से 57 साल पहले ही समझ ली थी। मगर न जाने क्या हुआ कि अफसरों ने बीच में बस का संचालन बंद कर दिया। कई साल बीत गए अफसरों की नजर इस रूट पर पड़ी ही नहीं। नतीजा रहा कि रोडवेज अफसरों ने बस सेवा चलाने पर ध्यान हीं नहीं दिया।

दो दर्जन बसों का होता है संचालन
रोडवेज बस सेवा बंद होने का फायदा डग्गामार बस संचालकों को मिल रहा है। रोजाना इस रूट पर दो दर्जन से ज्यादा डग्गामार बसें संचालित हो रही हैं। जोकि ठसाठस भरी रहती हैं। हजारों यात्री इस रूट से आते जाते हैं। इस रूट पर यात्रियों के होने के बावजूद रोडवेज अफसरों का कोई ध्यान न देना आश्चर्य की बात है।

कोरांव से चार रूट पर चलती थी बस
कोरांव से चित्रकूट, रीवा, वाराणसी और प्रयागराज रूट पर बसें चलती थीं। तीन बसें नाइट हाल्ट किया करती थीं। सुबह बसें रवाना हो जाती थीं। कई दशक तक बसें चलीं। इधर सात आठ वर्षों से बसें बंद कर दी गईं। बीच में एक दो भी बसें चलीं मगर न जाने क्यों बंद कर दी गईं। पहला रूट प्रयागराज, नारीबारी, खीरी, लेडिय़ारी, कोरांव रहेगा। जबकि दूसरा रूट प्रयागराज, करछना, कोहड़ार, खीरी, लेडिय़ारी, कोरांव रहेगा। इन दोनों रूटों पर अब बस चलाने की तैयारी है। इस रूटों पर बस जीरो रोड डिपो चलाएगा।

कोरांव रूट पर बस चलाने की जरुरत है। इस रूट पर यात्रियों की संख्या पर्याप्त है। पूर्व के अफसरों ने जो भी निर्णय लिया हो। मगर अब इस रूट पर बसें चलाई जाएंगी। जल्द ही मार्ग का निरीक्षण करके बस सेवा शुरू करने की डेट तय की जाएगा।
राजेश कुमार
एआरएम जीरो रोड