प्रयागराज (ब्यूरो)माफिया अशरफ के बंगले पर कभी भी बुल्डोजर चल सकता है। अशरफ का ये बंगला वक्फ बोर्ड की जमीन पर बना है। अशरफ के बंगले के साथ ही उसके सालों के मकान, दुकान भी गिराए जाएंगे। इसकी तैयारी शुरू कर दी गई है। वक्फ बोर्ड ने जिला प्रशासन को जमीन खाली कराने के लिए कहा है। जिला प्रशासन वक्फ की जमीनों को चिंहित कर चुका है। अब बस कार्रवाई की देर है। ऐसे में कभी भी प्रशासन का बुल्डोजर अशरफ के बंगले पर पहुंच सकता है।

बेगम के लिए बनवाया बंगला
सल्लाहपुर में वक्फ की जमीनें हैं। जिनको बेचने और कब्जा करने का काम चल रहा है। करीब पचास करोड़ मालियत की जमीनें कब्जा की गईं और बेची गईं। वक्फ की जमीन पर माफिया अशरफ ने अपनी बेगम जैनब फातिमा के लिए बेहद आलीशान बंगला बनवाया है। ये बंगला फिलहाल अशरफ के साले कैफी के नाम है। जोकि गाटा संख्या 407 में बना है। बंगले की कीमत करीब पांच करोड़ आंकी गई है। ये बंगला चार साल पहले बनकर तैयार हुआ था। वक्फ की जमीन पर केवल अशरफ का ही बंगला नहीं बना है। बल्कि गाटा संख्या 380 में तारिक का मकान बना है। तारिक अशरफ की बीवी जैनब की मौसी का बेटा है। गाटा संख्या 381 और 386 में अशरफ के साले जैद मास्टर का मकान और दुकान बनी हुई है।

मुतवल्ली को पाया गया दोषी
वक्फ की जमीनों के केयर टेकर माबूद अहमद की शिकायत पर उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने जांच के लिए जिला प्रशासन को पत्र भेजा था। जिस पर जांच में मुतवल्ली मो.असियम को वक्फ की जमीनों को बेचने, किराए पर देने का दोषी पाया गया है। मामले में जांच कर रहे एसडीएम सदर अभिषेक कुमार सिंह ने पांच सितंबर को एक रिपोर्ट जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी कृष्णमुरारी और अपर जिलाधिकारी मदन कुमार के साथ तैयार की है। जिसमें जांच के बाद वक्फ की संपत्तियों से लीज, डीड और किराएदारी को निरस्त करके अवैध निर्माण को हटाने के लिए अपनी रिपोर्ट मंडलायुक्त को भेजी है।

किराएनामा पर हुआ है खेल
वक्फ की जमीनों में करोड़ों का खेल दस रुपये के स्टांप पर किराएनामा देकर हो गया। हुआ ये कि दस रुपये के स्टांप पर मुतवल्ली के दस्तखत से जमीन दूसरों को बाजार भाव पर बेंच दी गई। एसडीएम सदर अभिषेक सिंह ने अपनी जांच रिपोर्ट में किराएनामे पर हुए खेल का जिक्र किया है।

बोर्ड के नियम की हुई अनदेखी
वक्फ अधिनियम 1995 धारा 51 के मुताबिक बोर्ड की अनुज्ञा के बिना वक्फ संपत्ति का अन्य संक्रमण शून्य होगा। ऐसे में कोई भी मुतवल्ली वक्फ की जमीन को बगैर बोर्ड की अनुज्ञा के किराए पर, लीज पर नहीं दे सकता है।