प्रयागराज (ब्‍यूरो)। रिजल्ट बुधवार को घोषित हुआ जिसमें मेजा तहसील के भाई-बहन ने इतिहास रच दिया। दोनों ने टाप रैंक हासिल कर एसडीएम पद को हथिया लिया। सिविल इंजीनियङ्क्षरग में बीटेक विवेक कुमार ङ्क्षसह टॉप टेन में शामिल हैं तो बहन संध्या सिंह ने 12वीं रैंक हासिल की है। मेजा के तेंदुआ कला गांव के रहने वाले कृष्ण कुमार सिंह और प्रतिमा सिंह के यहां बुधवार को जश्न सा माहौल था। उनके बेटे और बेटी दोनों एसडीएम बन गए। विवेक ने बताया कि उन्होंने सेल्फ स्टडी पर ज्यादा भरोसा किया और कोचिंग से दूरी बनाए रहे। वह नैनी में माधव ज्ञान केंद्र और सिविल लाइंस के ज्वाला देवी इंटर कॉलेज में पढ़े हैं। गाजियाबाद से बीटेक की डिग्री हासिल करने के बाद 2020 में इविव से बीए की पढ़ाई की। दूसरे प्रयास में उन्हें सफलता मिली है। बहन संध्या पहले अटेम्प्ट में सफल हुई है।

आबकारी इंस्पेक्टर बन गई किसान की बेटी
जौनपुर के बदलापुर तहसील के सीड गांव की निवासी रश्मि यादव का आबकारी इंस्पेक्टर के पद पर चयन हुआ है। उनका यह सेलेक्शन चौथे अटैम्प्ट में हुआ है। बताया कि इविवि से ग्रेजुएट हैं और बाटनी से एमएससी किया है। उनका सपना यूपीएससी क्रैक कर आईएएस बनने का है। वह प्रशासनिक फील्ड में रहकर देश की सेवा करना चाहती हैं। उनके पिता हरिश्चंद्र यादव पेशे से किसान हैं। वह कहती है कि अपने लक्ष्य पर ध्यान रखना चाहिए और सेल्फ स्टडी में ही जीत का मंत्र छिपा है।

जिला अधिकारी पद पर चयनित हुए सुशील मिश्र
इलाहाबाद विश्वविद्यालय के गंगानाथ झा छात्रावास के अंतेवासी रहे सुशील कुमार मिश्र 22वीं रैंक हासिल कर उप जिला अधिकारी पद पर चयनित हुए हैं। बुधवार को जारी परिणाम में चयन की सूचना में मिलने पर उनके परिवार में जश्न का माहौल है। सुशील कुमार मिश्र इलाहाबाद विश्वविद्यालय के गंगानाथ झा छात्रावास में रहकर स्नातक व परास्नातक की पढ़ाई पूरी की। चित्रकूट के इटवा गांव के निवासी सुशील कुमार मिश्र का इसके पहले 2018 मे बेसिक शिक्षा अधिकारी के पद पर, 2020 में एसीएफ के पद पर चयन हो चुका है। उनके चयन की सूचना पर छात्रावास और गांव में खुशी की लहर दौड़ गई और लोगों ने मिठाई बांट कर जश्न मनाया।

दो बार हो चुका है चयन
डिप्टी कलेक्टर पद पर चयनित सुशील कुमार मिश्र इससे पहले 2्र018 में बेसिक शिक्षा अधिकारी और 2020 में एसीएफ के पद पर चयनित हो चुके हैं। इविवि के गंगानाथ झा हास्टल के अंतवासी रहकर उन्होंने स्नातक व परास्नातक की पढ़ाई पूरी की। वह चित्रकूट के इटवा गांव के रहने वाले हैं। वह कहते हैं कि हमेशा अपने लक्ष्य के पीछे रहना चाहिए। ध्यान को भटकने नही देना है। उनके चयन से हास्टल में जश्न का माहौल था।