प्रयागराज (ब्यूरो)। श्रीकटरा रामलीला कमेटी व श्रीदारागंज रामलीला कमेटी ने संयुक्त रूप से अलोपीबाग स्थित लीला ग्राउंड में रावण वध की लीला की। दोनों कमेटियों के भगवान अलग-अलग युद्ध की लीला करते हैं। फिर दारागंज के भगवान रावण के 21 फिट ऊंचे कोरोना रूपी पुतले का तीर मारकर दहन करते हैं। कटरा के भगवान इसमें शामिल नहीं होते। फिर दोनों कमेटी के भगवान ब्रह्म हत्या का प्रायश्चित करने के लिए मां अलोपशंकरी का दर्शन करने जाते हैं। इस दौरान सुधीर गुप्त, गोपालबाबू जायसवाल, कुल्लू यादव, तीर्थराज पांडेय आदि मौजूद रहे। वहीं, बाघम्बरी क्षेत्र श्री रामलीला कमेटी अल्लापुर ने 20 फिट के रावण के पुतले का दहन कराया। श्रीमहंत बाबा हाथीराम पजावा रामलीला कमेटी ने लीला ग्राउंड पर रावण वध की लीला कराई। इसके बाद 30 फिट के रावण के पुतले का दहन कराया।
श्रीराम-भरत के मिलन पर छलके नैन
विजयादशमी के बाद शनिवार को श्रीपथरचट्टी रामलीला कमेटी व श्रीमहंत बाबा हाथीराम पजावा रामलीला कमेटी ने भरत मिलाप की लीला कराई। प्रभु श्रीराम व भरत गले लगकर विलाप किए तो दर्शकों की आंखें नम हो गईं। श्रीपथरचट्टी रामलीला कमेटी का भरत मिलाप रामबाग स्थित लीला परिसर पर हुआ। भजन गायक किशोर चतुर्वेदी ने सुरीले भजनों ने माहौल भक्तिमय कर दिया। इसके बाद भरत और शत्रुघ्न की सवारी राम की अगवानी के लिए आती है, प्रतीक्षा होती है राम और लक्ष्मण की।
चारों भाइयों की उतारी गई आरती
भगवान श्रीराम अनुज लक्ष्मण के साथ आते हैं। कमेटी के अध्यक्ष मुकेश पाठक और महामंत्री विजय ङ्क्षसह चारों भाइयों का अभिवंदन करते हैं। फिर भावुक क्षणों में चारों भाई गले मिलते हैं। संचालन कमेटी के प्रवक्ता लल्लूलाल गुप्त ने किया। मंच की व्यवस्था धर्मेंद्र कुमार ने संभाली। वहीं, श्रीमहंत बाबा हाथीराम पजावा रामलीला कमेटी की लीला में प्रभु श्रीराम, लक्ष्मण, माता सीता, भरत व शत्रुघ्न का आगमन हुआ। इसके बाद पश्चिम बंगाल के पूर्व राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी ने चारों भाइयों व माता सीता की आरती उतारी। इसके बाद चारों भाइयों के मिलाप की लीला हुई। इस दौरान मोहन जी टंडन (टंडन भैया), अमिताभ टंडन, राजेश मल्होत्रा, सचिन कुमार गुप्त, अशोक मालवीय, गिरी शंकर प्रभाकर मौजूद रहे।
श्रीराम का हुआ राज्याभिषेक
श्रीबाघम्बरी क्षेत्र रामलीला कमेटी अल्लापुर में श्रीराम के राजगद्दी समारोह की लीला हुई। लंका विजय प्राप्त करके प्रभु श्रीराम के अयोध्या आने पर उन्हें राजगद्दी पर आसीन करके राजपाठ सौंपा जाता है। संजीव बाजपेयी, रामाश्रय दुबे, फूलचंद्र दुबे, रामनरेश तिवारी ङ्क्षपडीवासा मौजूद रहे।