ठंड में रोडवेज बसों की टूटी खिड़कियों से यात्रियों की फजीहत
ALLAHABAD: ठंड व कोहरे के चलते लेट लतीफ चल रही ट्रेनों की वजह से सफर के लिए बसों का सहारा ले रहे यात्रियों को यहां भी राहत नहीं मिल रही है। खस्ताहाल रोडवेज बसों की खिड़की के टूटे शीशे से घुसने वाली सर्द हवाएं यात्रियों में सिहरन पैदा कर रही हैं। रोडवेज की सामान्य सेवा की बसों से प्रतिदिन हजारों की संख्या में यात्री सफर करते हैं। इसके बावजूद रोडवेज प्रशासन ने ठंड को देखते हुए इन बसों की मरम्मत नहीं करायी है। खस्ताहाल बसों को दौड़ाया जा रहा है।
दौड़ रहीं साढ़े तीन सौ बसें
रोडवेज में साढ़े तीन सौ से अधिक बसें स्थानीय बस स्टाप से विभिन्न रूटों पर संचालित होती हैं। इसके अलावा लखनऊ, कानपुर, काशी, सोनौली, बलिया व आजमगढ़ डिपो की भी कई बसें शहर के स्टेशन से होकर गुजरती हैं। इनमें अधिकांश की हालत खस्ता है। लेकिन परिवहन निगम का ध्यान यात्री सुविधाओं पर न होकर अपनी आय बढ़ाने तक सीमित है।
लोहे की कील कर रही जख्मी
सड़क पर दौड़ रही इन बसों की हालत इतनी खस्ता है कि बस चलने के दौरान इतनी खड़खड़ाहट होती है कि अगल-बगल बैठे यात्री भी एक दूसरे की बात नहीं सुन सकते। खिड़कियों के शीशे कब कहां गिर जाएं कोई भरोसा नहीं है। बस में लगी लोहे की उखड़ी चादर व कीलें यात्रियों को जख्मी कर रही हैं। बसों में फर्स्ट एड की व्यवस्था न होने से एक बार लहूलुहान हो जाने पर यात्रियों को यात्रा खत्म करने के बाद ही प्राथमिक उपचार मिल पाता है।
इन रूटों पर संचालन
शहर में सिविल लाइंस, जीरो रोड, राजपुर, लीडर रोड बस डिपो से लखनऊ, वाराणसी, कानपुर, बांदा, एमपी, मऊ, बालिया, आजमगढ़, सोनभद्र, सनौली, गोण्डा, संत करीब नगर, सुल्तानपुर, प्रतापगढ़, सीतापुर, श्रावस्ती, सिद्धार्थनगर, राय बरेली, मिर्जापुर, महाराजगंज, मैनपुरी, लखीमपुर, जौनपुर, झांसी, हमीरपुर, गाजीपुर, फैजाबाद, फतेहपुर, फर्रुखाबाद, चित्रकूट चंदौली, बस्ती, बाराबंकी, आगरा व अलीगढ़ के लिए बसों का संचालन होता है।