वीआईटी यूनिवर्सिटी की प्रस्तुति दैनिक जागरण आई नेक्स्ट इंजीनियरिंग गेटवे-2017 का समापन
स्टूडेंट्स को मार्केट में बढ़ रही डिमांड के हिसाब से खुद को तैयार करने के मिले टिप्स
ALLAHABAD: दुनिया तेजी से बदल रही है। अब पीसीओ बंद हो चुके हैं क्योंकि हर हाथ में मोबाइल है। इससे भी आगे बढ़कर इसी से बैंक एकाउंट मेंटेन करने से लेकर शापिंग तक की जा रही है। देखा जाए तो सारी दुनियां एप पर टिकी हुई है। बदलते दौर की जरूरतें पूरी करने के लिए कोर्स मोडीफाई हो रहे हैं। इससे जॉब आप्च्र्युनिटी बढ़ी हैं। ये बातें वीआईटी यूनिवर्सिटी की प्रस्तुति दैनिक जागरण आईनेक्स्ट इंजीनियरिंग गेट वेज 2017 के समापन के दिन मोटिवेशन गुरू अरुणेन्द्र सोनी ने कही। उन्होंने स्टूडेंट्स को दुनिया में इंजीनियरिंग के क्षेत्र में होने वाले बदलाव से लेकर उसमें कॅरियर की संभावनाओं के बारे में विस्तार से बताया।
वर्ल्ड में वर्किंग लोगों की हो रही है कमी: अरुणेन्द्र सोनी
मोटिवेशन गुरु अरूणेन्द्र सोनी ने छात्रों को इंजीनियरिंग के फील्ड में कॅरियर बनाने की असीम संभावनाओं के बारे में जानकारी देने के साथ ही उन्हें इस क्षेत्र में बेहतर करने के तरीकों के बारे में विस्तार से बताया। कहा कि वर्ल्ड में मौजूदा हालात में वर्किंग लोगों की कमी हो रही है। सिर्फ इंडिया ही ऐसा देश है, जहां पर युवाओं की भरमार है। आने वाला समय सिर्फ इंडियंस का है। खासतौर पर तेजी से बदल रही दुनिया में जहां पर हर काम मशीनों और एप के जरिए हो रहा है। वहां फ्यूचर इंजीनियर्स का ही है।
वीआईटी देता है सब्जेक्ट स्लॉट पसंद करने की फेसेलिटी: डॉ शरद
इंजीनियरिंग के क्षेत्र में बेहतर कॅरियर को लेकर चर्चा के दौरान वीआईटी भोपाल के फेकेलिटी डॉ। शरद त्रिपाठी ने बताया कि वीआईटी युनिवर्सिटी फेसेलिटीज से अपडेट है। यूनीक फीचर्स और फेसेलिटीज के चलते ही वीआईटी ने क्यूएस 4 स्टार रैकिंग हासिल की है। वीआईटी में छात्रों को प्रत्येक सब्जेक्ट के लिए अपनी सुविधा के अनुसार क्लास की स्लॉट पसंद करने की फेसेलिटी मौजूद है ताकि वे बिना किसी असुविधा के बेहतर एजुकेशन हासिल कर सकें। इसके साथ ही बीटेक के चार सालों में स्कोर क्रेडिट करने के लिए भी छात्रों के पास आप्शन है। छात्र फर्स्ट इयर में अधिक पढ़ना चाहता है तो वह अधिक क्रेडिट स्कोर हासिल कर सकता है। दूसरे साल में भी अपनी सुविधा के हिसाब से पढ़ाई को तय किया जा सकता है। वीआईटी स्टूडेंट को सुविधा देता है कि वह अपना रिसर्च प्लान यूनिवर्सिटी से शेयर करे। यूनिवर्सिटी की एक्सपर्ट्स की टीम उसे समझेगी और एप्रूव करेगी। इसके बाद छात्र अपना रिसर्च पूरा करके प्रोडक्ट तैयार कर सकते हैं। उसे मार्केट में लांच करने के लिए भी यूनिवर्सिटी सभी प्रकार की सुविधाएं देती है।
फेकेलिटी के साथ टाइम चूज करने का भी मौका: डॉ सुमित
वीआईटी वेल्लूर कैंपस से आए डॉ। सुमित जिंदल ने बताया कि संस्थान में स्टूडेंट्स को फैकल्टी पसंद करने के साथ ही अपने हिसाब से पढ़ाई करने का मौका भी मिलता है। यहां पर इंड्रस्टी के रिसर्च के हिसाब से स्टूडेंट्स के लिए प्रश्नपत्र भी तैयार कराया जाता है। इस काम में इंड्रस्टी के एक्सपर्ट्स की मदद ली जाती है। एक्सपर्ट्स ये भी बताते है कि मार्केट में किस सब्जेक्ट की डिमांड सबसे अधिक है। उसी के आधार पर लगातार सिलेबस को अपडेट करने की व्यवस्था की गई है। हमारे पास जॉब की कमी नहीं है, स्किल की कमी है। जिसको देखते हुए संस्थान स्टूडेंट्स को स्किल डेवलप करने में मदद करती है। यही कारण है कि संस्थान में सबसे ज्यादा स्टूडेंट्स को प्लेसमेंट हासिल होता है।
इसलिए भी है वीआईटी यूनिवर्सिटी खास
वीआईटी यूनिवर्सिटी भोपाल में 100 प्रतिशत डाक्टरल फेकेलिटी स्टूडेंट्स के लिए उपलब्ध है
कोलाबरेटिव एंड एक्टिव लर्निंग थ्रू टेक्नोलॉजी की व्यवस्था है।
प्रोजेक्ट बेस्ट लर्निंग पर आधारित ग्रुप डिस्कशन के जरिए स्टूडेंट्स को प्रत्येक विषय को समझाने की व्यवस्था
साफ्ट स्किल करिकुलम को अनिवार्य रूप से लागू किया गया है।
स्वच्छ भारत और मेकिंग के इंडिया को करिकुलम में शामिल किया गया है। ताकि छात्रों की भागीदारी को बढ़ाया जा सके
वेब टु वाई फाई टेक्नालॉजी का यूज प्रत्येक क्लास में किया जाता है। इसे स्टूडियो क्लास के नाम से जाना जाता है।
स्टूडेंट्स की प्रगति पर विशेष ध्यान रखने के लिए फेकेलिटी एडवाइज की व्यवस्था की जाती है। ताकि बीटेक कंप्लीट करने के दौरान छात्रों की सभी प्रकार की समस्याओं को दूर किया जा सके
स्पेशलाइजेशन बीटेक के साथ माइनर की डिग्री एड कराने की व्यवस्था भी उपलब्ध है। इससे चार सालों में स्टूडेंट्स थोड़े से एफर्ट से अपनी रेग्युलर डिग्री के साथ एडिशनल ब्रांच को माइनर के रूप में डिग्री में मेंशन करा सकता है।