प्रयागराज (ब्‍यूरो)। नार्थ एरिया में कोहरे का प्रभाव मजबूत होने के साथ ही दिल्ली हावड़ा रुट पर चलने वाली ट्रेनो में सफर करने वाले पैसेंजर्स के लिए परीक्षा देने जैसी स्थिति आ गयी है। आनलाइन स्टेटस देखकर अपनो को रिसीव करने के लिए जंक्शन पहुंचे कई लोग ब्रेक फास्ट छोड़कर आये थे। ट्रेन पहुंची तो पता चला कि लंच टाइम भी निकल चुका है। ट्रेन में फंसे लोग बोर गये। कई के तो काम भी छूट गये जिसके चक्कर में उन्होंने आज का टिकट बुक कराया था।

लाइव स्टेटस ने दे दिया धोखा
शंकरगढ़ के रहने वाले सूरज कुमार बताते है कि उनके बड़े भाई को मंगलवार सुबह प्रयागराज एक्सप्रेस ट्रेन से 7:10 पर प्रयागराज जंक्शन पहुंचना था। कोहरे के चलते लेटलतीफी हो रही ट्रेनों का हाल जानने के लिए रेलवे का लाइव ट्रेन स्टेटस का इस्तेमाल किया। लाइव स्टेटस पर ट्रेन अपने समय से डेढ घंटा देरी से दिखा रहा था। उनको लगा कि ट्रेन 8:30 बजे तक पहुंच ही जायेगी। वह पौने आठ बजे घर से गाड़ी लेकर बड़े भाई को लेने के लिए निकल पड़े। वह पचास किलोमीटर का सफर सवा घंटे में तय कर प्रयागराज जंक्शन पर पहुंच गए। यहां आने पर ट्रेन नहीं पहुंची थी। वह एक घंटा इंतजार करने पर फिर से लाइव स्टेटस पर चेक किये। लाइव स्टेटस पर वहीं शो कर रहा था। जो घर से निकलने से पहले दिखा रहा था। हाल ये है कि सुबह पहुंचने वाली ट्रेन शाम 4:48 पर प्रयागराज जंक्शन पर पहुंची। हद तो यह कि काउंटर पर बैठे अधिकारियों से जब सवाल किया जा रहा है कि इस समय ट्रेनें कोहरे के चलते लेट चल रही है तो कम से कम रेलवे का एप करंट ट्रेन स्टेटस तो सही बताए। वे जवाब भी नहीं दे पा रहे है और टालमटोल वाला रवैया अपना रहे है।

शाम 4:40 पर पहुंची हमसफर ट्रेन
सुबह प्रयागराज जंक्शन 6:10 पर हमसफर एक्सप्रेस ट्रेन का पहुंचने का समय है। मगर यह ट्रेन शाम 4:40 पर पहुंच रही है। जब नई दिल्ली से बैठा था तो घर वालों ने सुबह का खाना इसलिए नहीं दिया था। क्योंकि, सुबह पहुंचने के बाद दो घंटे बाद अपने घर प्रतापगढ़ पहुंच ही जाऊंगा। यह कहना हमसफर ट्रेन में सफर कर रहे प्रतापगढ़ के अरविंद सिंह का था। वह शाम को जब प्रयागराज जंक्शन पहुंचा तो बड़ा परेशान था। ठंड में पांच बजे के बाद बस या प्राइवेट गाड़ी करके कैसे अपनी मंजिल तक पहुंचेगा। आखिरकार घर वालों से बात करने के बाद स्टेशन पर ही रुकने का फैसला लिया। रिटायरिंग रूम के लिए भी काफी देर तक परेशान रहा। काउंटर पर बैठे लोगों ने रूम फुल की बात कह दी। दैनिक जागरण आई-नेक्स्ट से बातचीत में बताया कि अगर रूम नहीं मिला तो स्टेशन के आसपास होटल या लॉज में ही रुक जायेगा। क्योंकि रात में कोहरे में सफर करने से घर वाले मना कर रहे हैं।

टूट रही ट्रेन आने की आस
मांडा के रहने वाले अजय कुमार बताते है कि हावड़ा राजधानी एक्सप्रेस ट्रेन पकड़कर उनको धनबाद तक जाना है। ट्रेन की आने की टाइमिंग प्रयागराज रात्रि 11:45 बजे का था। लेकिन पांच बजे तक ट्रेन नहीं पहुंची है। काउंटर पर पूछने पर लेट होने की टाइमिंग बढ़ती ही जा रही है। दिन का समय तो हल्की धूप में बाहर बैठकर कट गया। लेकिन रात कैसे कटेगी? इसकी चिंता सता रही है। 12 घंटे से इंतजार करने के बाद भी ट्रेन प्रयागराज जंक्शन नहीं पहुंची। ऐसे में ट्रेन आने की आस धीरे-धीरे टूटती जा रही है। घर से जो खाना पैक करा कर लाया था। वह ट्रेन के इंतजार में ही खत्म हो गया। अभी पूरी रात बाकी है। बाहर का खरीद कर खाना पड़ेगा। दूसरा कोई विकल्प नहीं है। रेलवे स्टेशन पर रुकने व अलाव की भी व्यवस्था नहीं दिखाई दे रही है।

अकेले सफर करना ऊपर से ट्रेन लेट
औद्योगिक क्षेत्र की रहने वाली पूजा बताती हैं कि उनको रीवा एक्सप्रेस से सतना तक जाना है। ट्रेन सुबह 6:30 बजे आने की टाइमिंग है। स्टेशन पर छोडऩे के लिए भाई वीरू साथ आया है। वह सुबह से स्टेशन पर मेरे साथ बैठा है। लेकिन ट्रेन अभी तक पहुंची नहीं है। शाम के पांच बज रहे है। रात का समय भी हो रहा है। ऊपर से अकेले सफर करना है।