प्रयागराज ब्यूरो, बैंक के एटीएम बूथ से की गई है। यह चारों अंतराज्यीय गैंग के सक्रिय मेंबर हैं। इनके जरिए इस तरह की वारदात सिर्फ प्रयागराज ही नहीं, मध्य प्रदेश, गुजरात, छत्तीसगढ़ जैसे गैर प्रदेशों में भी अंजाम दी जाती थी। तलाशी में इनके पास से एसटीएफ को कई एटीएम कार्ड व मोबाइल आदि एवं बाइक और अत्याधुनिक उपकरण एवं लैपटॉप भी मिले हैं।
शंकरगढ़ में बूथ से लगे हाथ
गिरफ्तार किए गए शातिरों में ऋषिकेश पाल पुत्र सुरेश कुमार पाल निवासी भुवालपुर मोहनलगंज थाना लीलापुर, सिद्धार्थ कुमार पुत्र गेंदा लाल निवासी बढऩी पडवासी थाना लीलापुर व संजय कुमार पाल पुत्र रामयश पाल निवासी निवासी बढऩी पडवासी थाना लीलापुर हैं। इनका चौथा साथी राहुल पाल पुत्र अनिल पाल निवसी टिकरी हरखपुर थाना मानधाता प्रतापगढ़ का रहने वाला है। एसटीएफ के मुताबिक तलाशी में इनके पास से अलग-अलग बैंकों के 38 एटीएम कार्ड, सात मोबाइल, एक आधार कार्ड, दो बाइक, एटीएम से ठगी किए गए 16000 रुपये नकद, व जामा तलाशी में 840 रुपये कैश बरामद किए गए हैं।
चारों ने टीम को बताया कि वह स्कैनर यानी कार्डरीडर व साफ्टवेयर युक्त लैपटॉप की खरीदारी ऑनलाइन किए थे। यह शातिर ग्रामीण या कस्बाई इलाकों के उस एटीएम बूथ को टारगेट करते थे जिस पर भीड़ अधिक और सुरक्षा गार्ड एक भी नहीं होते। ऐसे बूथ पर यह चारों रुपये निकालने पहुंचे कम पढ़े लिखे लोगों से मदद के नाम पर उनका कार्ड लेकर क्लोन तैयार कर लेते थे।
चुपके से पीछे रहकर देखते थे कोर्ड
एसटीएफ के जवानों की मानें तो पूछताछ में शातिरों ने बताया कि एटीएम बूथ पर वह टारगेट फिक्स कर लेते थे
इसके बाद पहले एक शातिर मदद के नाम पर पैसा निकाल रहे शख्स का कार्ड अपने हाथ में ले लेता था
उसके हाथ में कार्ड आते ही दूसरा शख्स पैसा निकाल रहे कार्ड धारक के पीछे खड़ा होकर उसका पिनकोड देख लेता था।
उपभोक्ता का एटीएम या डेबिट कार्ड लेकर उसे चुपके से एटीएम कार्ड स्किमर से लोगों के कार्ड को स्कैन कर लेते थे
बाद में स्किमर को लैपटॉप से जोड़कर सम्बंधित कार्ड का डाटा लैपटॉप में ट्रांसफार्मर कर दिया करते थे
इसके बाद एटीएम कार्डरीडर को लैपटॉप से कनेक्ट कर किसी भी कार्ड को स्वैप करके क्लोन तैयार कर लिया करते थे।
शातिरों ने टीम को बताया कि लैपटॉप में कार्ड का डाटा रीड करने और क्लोन बनाने के लिए चारों चंदा करके साफ्टवेयर युक्त लैपटॉप ऑनलाइन खरीदे थे।
इतना करने के बाद उस कार्ड और चुराए गए पिन कोड का प्रयोग करके लोगों के खाते से रुपये निकाल लिया करते थे
गिरफ्तार किया गया गैंग काफी शातिर किस्म का है। चारों एक जगह घटना को अंजाम देने के बाद दूसरे स्थान पर चले जाया करते थे। इनके द्वारा कबूला गया कि वह लाखों रुपये इस काम से कमा चुके हैं। प्रतापगढ़ पुलिस से सम्पर्क कर इनकी पूरी डिटेल निकलवाई जा रही है।
नावेंदु कुमार, सीओ एसटीएफ प्रयागराज इकाइ