सुलाकी चौराहे स्थापित हुई 'पेट बॉटल फ्लैंिकंग' मशीन
पानी की बोतल की शत-प्रतिशत री-साइकिलिंग हुई संभव, वेस्ट प्लास्टिक से बनेगी टी-शर्ट एवं डस्टबिन
अभी प्लास्टिक वेस्ट से सड़कें बन रही हैं, अब इससे टी-शर्ट व डस्टबिन बनाने की तैयारी शुरू हो गई है। इसके लिए नगर निगम प्रयागराज के प्रयास से जुस्को यानी जमशेदपुर यूटिलिटी सर्विस कंपनी ने सुलाकी चौराहे पर मशीन स्थापित किया है। शनिवार को बोतल क्रशर मशीन का महापौर अभिलाषा गुप्ता नंदी ने फीता काटकर उद्घाटन किया। इसके अलावा निकले प्लास्टिक से बने डस्टबिन और टीशर्ट का वितरण भी किया। महापौर ने बताया कि इस मशीन में प्लास्टिक की बोतल डालने पर मोबाइल नंबर दर्ज करना होगा जिसके बाद 160 रुपये का रिवॉर्ड भी प्राप्त होता है। जिसे बस सेवा के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है ।
छोटे-छोटे टुकड़ों में करती है डिवाइड
रिसाइकिलिंग के लिये ऑटोमेटिक मशीन तैयार की गई है।
यह मशीन प्लास्टिक की बोतल को छोटे-छोटे टुकड़ों में नष्ट कर देती है
प्लास्टिक स्क्रैप से टीशर्ट और डस्टबिन तैयार की जा सकती है।
कंपनी ने मशीन का नाम पेट बॉटल फ्लैंिकंग रखा है।
इस कंपनी ने जिस्को को पर्यावरण प्रिय या मशीन शहर में प्रमुख स्थानों पर लगाने का प्रस्तावित किया है
ताकि बॉटल वेस्ट मैनेजमेंट के साथ-साथ लोग भी इसका प्रयोग कर सकें।
दो तिहाई बोतल की री-साइकिलिंग
बता दें कि प्लास्टिक की बोतल एक बार उपयोग करने के बाद दुबारा पानी के लिए उपयोग नहीं करना चाहिए इससे स्वास्थ्य को खतरा रहता है। भारत में अभी दो तिहाई बोतल ही री-साइकल हो पाती है। बाकी या तो फेंक दी जाती है या दोबारा उपयोग में लाई जाती है। रेलवे स्टेशन और अन्य जगहों पर दोबारा पानी भर के बेचा जा रहा है जिसका लोग उपयोग करते हैं। इस मशीन से से हम न सिर्फ बोतल को री-साइकिल करके अपने पर्यावरण को भी बचाएंगे । प्लास्टिक को री साइकिल कर हम टीर्शट और डस्टबिन तैयार करते हैं।
पर्यावरण प्रिय यह मशीन शहर में प्रमुख स्थानों पर लगाने का प्रस्ताव है। इसका फायदा यह होगा कि पब्लिक प्लेस पर पानी की बोतलें फेंकी हुई पड़ी नहीं रहेंगी। बॉटल वेस्ट मैनेजमेंट के साथ पब्लिक भी इसे प्रयोग कर सके।
उत्तम वर्मा
पर्यावरण अभियंता, नगर निगम प्रयागराज