प्रयागराज (ब्यूरो)। फोटो का आइडेंटीफिकेशन कराने के लिए करात में खड़े लोग सिर्फ प्रयागराज या आसपास जनपदों के ही नहीं थे। गैर जनपदों यहां तक कि कुछ गैर प्रांत से भी आए थे। लाइन में लगकर बारी का इंतजार कर रहे कुछ लोगों ने बताया कि वह भोर में ही यहां स्टेशन और बस स्टैंड पर पहुंच गए थे। इधर उधर चाय नाश्ता करके लाइन लग गए। काउंटर तक पहुंचने व फोटो आइडेंटीफिकेशन हो जाने के बाद लोग खुद को भाग्यशाली समझ रहे थे। लोगों की मानें तो यहां सुबह सात आठ बजे से ही भीड़ काफी हो गई थी। तीखी धूप में के बीच बारी का इंतजार करने वाले तमाम लोग नंबर जल्दी आने की दुआ ईश्वर से मांगते रहे।

पब्लिक कोट

हम यहां ट्रेन से रात में ही आ गए थे। स्टेशन पर रात बिताए और सुबह वहीं स्नान के बाद चाय पिए थे। इसके बाद करीब आठ बजे काउंटर पर पहुंचे तमाम लोग पहले से लाइन लगाए हुए थे। हम भी कतार में लग गए और ढाई बज रहे अब भी काउंटर का दरवाजा बहुत दूर है। जब सब काम ऑनलाइन हो रहा तो इसे भी ऑनलाइन कर देना चाहिए।
शाबिर अली, जिला हापुड़


यह मत पूछो कि क्या खाए और कैसे आए। हम यहां लाइन में सुबह नौ बजे से खड़े हैं। खड़े-खड़े पांव दुखने लगा है। बस किसी तरह फोटो आइडेंटीफिकेशन हो जाय तो समझो सारा दुख दूर हो गई। अब इंसाफ पाना है तो धूप व छांव की परवाह किए बगैर मेहनत तो करनी ही पड़ेगी।
हकीम अली, सहारनपुर


संत करीब नगर से रविवार की सुबह ही चला बस से निकला था। बस यहां पहुंचने में शाम हो गई। बस स्टेशन पर ही रात बिताया और सुबह एक चाय पीकर कतार में लग गया। लाइन काफी धीरे-धीरे बढ़ रही है। एकाध काउंटर और होना चाहिए। मगर हमारे सोचे से क्या होता है?
मकसेंद्र प्रसाद त्रिपाठी, संतकबीर नगर

मैं तो सुबह दस बजे से लाइन में लगा हुआ हूं। तकलीफ क्या, जब तमाम बड़े बुजुर्ग लाइन में घंटों से लगे हैं तो मेरा क्या।
दिक्कत क्या बस धूप लग रही है। बाकी पानी बगल में बिक रहा है खरीद लिए हैं। अब बगैर फोटो आइडेंटीफिकेशन कराए तो हटेंगे नहीं। थोड़ी देर के लिए हट दोबारा आओ तो लोग शोर मचाने लगते हैं।
बादाम सिह, रामपुर