प्रयागराज (ब्यूराे)। मुंडेरा में जैविक बाजार बनकर तैयार है। यहां पर किसानों की सब्जियों को बिक्री के लिए रखा जाएगा। इसका नाम जैविक संगम रखा गया है। वहीं कृषि विभाग की ओर से वाहनों में भी जैविक सब्जियों को बेचा जाएगा। इसके लिए स्पॉट चिंहित किए जाएंगे और यहां पर निश्चित टाइम पर यह वैन जाकर सब्जी सेल करेगी। तीसरा आप्शन ऐप का होगा। इस ऐप के जरिए भी घर बैठे सब्जी बुक कराकर मंगा सकेंगे। ऐप के जरिए सब्जी उपलब्ध कराने की प्लानिंग पर प्रशासन ने काम करना शुरू कर दिया है।
कितने किसानों को होगा सीधा लाभ
वर्तमान में लोगों की सेहत और सब्जियों में होने वाले हानिकारक रसायनों की अधिकता को कम करने की दिशा में काम किया जा रहा है। यही कारण है कि जिले में 110 गांव के 6554 ऐसे किसान हैं जो जैविक खेती कर रहे हैं और इनके उत्पादों को बेचने के लिए सरकार मंच भी उपलब्ध करा रही है। खुद लोगों के बीच से भी जैविक सब्जियों की डिमांड बढ़ रही है। जैविक खेती जिले के 3790 हेक्टेयर से अधिक क्षेत्रफल में की जा रही है। इसके लिए सरकार किसानों को प्रोत्साहन भी दे रही है। नमामि गंगे योजना के साथ जोड़ कर जिले में पांच वर्ष में जैविक खेती का रकबा 10 गुना से भी अधिक बढ़ गया है। अब इन सब्जियों की बिक्री के लिए भी मंच उपलब्ध कराया जा रहा है।
क्या है जैविक खेती, क्या हैं फायदे
जैविक खेती नेचुरल तरीकों का इस्तेमाल कर की जाती है। इसे हम पारंपरिक खेती भी कह सकहते हैं। इसमें रसायनिक खाद और कीटनाशकों का इस्तेमाल नही होता है। इसमें खली, गोबर, केचुआ, हरी और कम्पोस्ट खाद का उपयोग किया जाता है। जिससे होने वाली सब्जी या अन्य उत्पाद काफी पौष्टिक होते हैं और शरीर को स्वस्थ रखते हैं। बदलते समय में जैविक खेती से होने वाली फसलों की मांग बढ़ती जा रही है। लोग इनके लिए अधिक पैसे भी खर्च करने को तैयार हैं।जैविक खेती करने वाले किसानों को बड़ा मंच दिया जा रहा है। उनकी सब्जियों को तीन प्रकार से उपलब्ध कराने की तैयारी है। इसके लिए शासन और प्रशासन से पूरा प्रोत्साहन दिया जा रहा है। लोगों की सेहत को भी अधिक फायदा पहुंचेगा।
विनोद कुमार, उप निदेशक कृषि विभाग प्रयागराज