धनुआ स्थित ब्रह्माकुमारीज ट्रेनिंग सेंटर में रक्षाबंधन पर्व के आध्यात्मिक महत्व पर की गई चर्चा
धनुआ स्थित ब्रह्माकुमारीज ट्रेनिंग सेंटर में शनिवार को रक्षाबंधन पर कार्यक्रम हुए् ब्रह्माकुमारीज की क्षेत्रीय संचालिका मनोरमा दीदी ने रक्षाबंधन पर्व का आध्यात्मिक महत्व बतलाया। कहा कि दुनिया में कोई भी बंधन में नहीं बंधना चाहता क्योंकि मनुष्य का मूलभूत स्वभाव ही स्वतंत्रता है। परंतु एक ऐसा बंधन भी है जिसमें हर कोई बंधना चाहता है और वह है रक्षाबंधन। हम सभी रक्षाबंधन का त्यौहार मनाते आए हैं परंतु क्या यह केवल बहनों के द्वारा भाई की कलाई में बांधा हुआ एक सूत्र मात्र है या इसका कुछ आध्यात्मिक रहस्य भी है?
भाइयों को भी है सुरक्षा की जरूरत
कहा कि वास्तव में सुरक्षा की आवश्यकता तो केवल बहन ही नहीं भाई को भी है, और एक भाई अपनी बहन की सुरक्षा हर समय हर स्थान पर तो नहीं कर सकता तो वास्तव में हमारी रक्षा करने वाला कौन है? निश्चित ही वह तो केवल एक सर्वशक्तिमान परमात्मा ही हो सकता है। इसलिए रक्षा सूत्र केवल एक रेशम या सूत का सूत्र ही नहीं परंतु सर्वशक्तिमान परमात्मा से मन और बुद्धि को बांधने का यादगार है। इसका भाव यह है कि जिस दृष्टि से वह भाई अपनी बहन को देखता है उसी दृष्टि से संपूर्ण स्त्री समाज को भी देखें। इस दौरान क्षेत्रीय निदेशिका राजयोगिनी मनोरमा दीदी का जन्मदिन भी मनाया गया। जिसमें ब्रह्मकुमारीज से जुड़े जनपद व आसपास के लोग पहुंचे।