सावन के तीसरे सोमवार पर उमड़ी भक्तों की भीड़
घरों से लेकर शिवालयों में दिनभर चला अभिषेक, पूजन का सिलसिला
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PRAYAGRAJ: आदि देव महादेव सृष्टि के रक्षक है। उनके नाम से ही सभी दुखों का नाश हो जाता है। भगवान शिव के सबसे प्रिय माह सावन के तीसरे सोमवार के अवसर पर सिटी के शिवालयों में भोर से ही भक्तों का रेला उमड़ने लगा। भगवान शिव की भक्ति में डूबे भक्त उनके नाम का जाप करते रहे। सभी शिव मंदिरों में हर तरफ 'हर-हर महादेव, जय शिव शम्भू' के जयकारों की गूंज सुनाई देती रही। भक्तों ने पूरी श्रद्धा के साथ भगवान शिव पर बेलपत्र, गंगा जल व दूध अर्पित करके उनका अभिषेक किया। मंदिरों में भी पूरे समय भगवान शिव के स्त्रोत्र का पाठ चलता रहा।
कांवरियों के साथ पहुंचते रहे भक्त
वैसे तो इस बार कावड़ यात्रा पर रोक लगी है। उसके बाद भी भगवान शिव की आस्था में कुछ दशाश्वमेध घाट से कावंड में जल भरकर आस -पास के शिव मंदिरों में पहुंच कर अभिषेक करते दिखाई दिए। कांवर लेकर भक्तों की ये टोली मनकामेश्वर, गंगोली शिवालय, पंच मुखी महादेव, दशाश्वमेध, शिव कचहरी, सोमेश्वर महादेव सहित विभिन्न शिवालयों दिन भर पहुंचकर अभिषेक करते रहे। मंदिरों में पूरे दिन अभिषेक और अनुष्ठान का कार्यक्रम चलता रहा।
मंदिरों के बाहर लगी रही कतार
कोरोना महामारी की तीसरी लहर की जहां आशंका जताई जा रही है। वहीं इस आशंका के बीच भी भक्तों में कोरोना को लेकर कोई डर नहीं दिखा। भोर से ही मंदिर के बाद भक्तों की लंबी कतरा लगना शुरू हो गई। मनकामेश्वर, हनुमत निकेतन, तक्षकतीर्थ, बड़ा शिवालय आदि में श्रद्धालुओं की भी सबसे अधिक संख्या पूरे दिन बनी रही।
शाम को हुआ भव्य श्रृंगार
सावन के तीसरे सोमवार पर शिवालयों में कोरोना संक्रमण का खात्मा करने जहां एक तरफ पूरे दिन अनुष्ठान और अभिषेक होता रहा। वहीं शाम को शिवालयों में भगवान शिव का भव्य श्रृंगार हुआ। भगवान शिव को आभूषणों व फुलों से सजाया गया। इस दौरान महाआरती में भी बड़ी संख्या में भक्त शामिल हुए। मनकामेश्वर मंदिर के प्रभारी ब्रह्माचारी श्रीधरानंद ने आरती करके जनकल्याण की कामना की। उन्होंने बताया कि भगवान शिव का सबसे प्रिय मास सावन है। ऐसे में सावन में भगवान शिव की अपने भक्तों पर विशेष कृपा होती है।