पुलिस की छावनी बना इलाहाबाद यूनिवर्सिटी कैंपस, सुबह से रही गहमा-गहमी

कैंपस में छात्रों, बाहर संगठनों ने दर्ज कराया कड़ा विरोध

इलाहाबाद यूनिवर्सिटी की वाइस चांसलर प्रोफेसर संगीता श्रीवास्तव ने सिर्फ इतना लिखा कि भोर में लाउड स्पीकर की आवाज से नींद डिस्टर्ब होती है। वह सिविल लाइंस एरिया में रहती हैं। पत्र में भी उन्होंने इस एरिया में ध्वनि प्रदूषण का मसला उठाया है। उनका लेटर वायरल होने के बाद इसे अजान के विरोध से जोड़ दिया गया है। इससे माहौल गरम हो गया। कैंपस से लेकर बाहर तक विरोध में प्रतिक्रिया आयी। ज्यादातर लोग कुलपति की आलोचना कर रहे थे। छात्रों ने कुलपति का पुतला दहन करके अपनी आपत्ति दर्ज करायी। कुलपति का पुतला फूंकने की सूचना मिलते ही यूनिवर्सिटी कैंपस में भारी संख्या में पुलिस फोर्स पहुंच गई। जिसके बाद पुलिस ने किसी प्रकार छात्रों को मौके से हटाया।

संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति का ऐसा बयान गलत

इलाहाबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी में छात्रसंघ भवन के पास छात्रसंघ बहाली की मांग को लेकर चल रहे प्रदर्शन के 239वें दिन कुलपति के लेटर पर छात्रों ने निंदा व्यक्त की। इस दौरान संयुक्त संघर्ष समिति के छात्र नेता अजय यादव अजान से नींद में खलल की बात की निंदा की। पूर्व छात्रसंघ उपाध्यक्ष आदिल हमजा साहिल ने कहा कि भारत एक पंथ निरपेक्ष राष्ट्र है यहां पर सभी को अपने धर्म को मानने उसका प्रचार और प्रसार अपने तरीके से करने का संवैधानिक और मूलभूत अधिकार है। ऐसे में किसी धर्म विशेष पर एक संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति द्वारा प्रहार करना, उस पर सवाल उठाना संविधान में आस्था न रखने जैसा है। जो बेहद निंदनीय है। छात्र नेता अजय सम्राट व मसूद अंसारी ने कहा भारत गंगा जमुनी तहजीब का एक आदर्श राष्ट्र है, जहां पर मस्जिद की अजान, मंदिर के घंटे और चर्च का घंटे एक सुर में एकनाद में और एक साथ बजते हैं। संविधान की प्रस्तावना ही भारत को पंथनिरपेक्ष बताती है। जिसमें सभी नागरिकों को अपने धर्म को मानने, उसको प्रचार प्रसार करने तथा इसके बाबत अपनी धारणा बनाने का मौलिक अधिकार संविधान देता है। इस मौके पर छात्र नेता राहुल पटेल, हरेन्द्र यादव, नवनीत यादव, आनंद सांसद, मसूद अंसारी समेत अन्य छात्र नेता मौजूद रहे।

इलाहाबाद यूनिवर्सिटी की वाइस चांसलर ने अजान रोकने के लिए जो पत्र लिखा है, उसकी हम लोग सख्त अल्फाज में मजज्मत करते हैं।

मौलाना खालिद रशीद फिरंगी महली

हमारा मुल्क मुख्तलिफ मजहब के मानने वालों का है। यहां मस्जिदों में अजान व मंदिर में भजन कीर्तन की आवाज आती है। होली के मौके पर डीजे का इस्तेमाल होता है। कुंभ मेले में लाउड स्पीकर का भी इस्तेमाल होता है। रास्ता भी बंद किया जाता है। कोई मुसलामान इन चीजों पर एतराज नहीं करता है। साजिश के तहत पत्र लिखा गया है।

सुफियान निजामी

प्रवक्ता दारुल उलूम