सरायममरेज थाना क्षेत्र के नैकीपुर गांव स्थित घर में एक किशोरी का शव तीन दिन तक फंदे से लटकता रहा। लाश देखकर घरवाले भयभीत हो गए। उन्होंने न तो उसका अंतिम संस्कार किया और न ही सूचना पुलिस को दी। शनिवार को दिन में दुर्गध उठी तो प्रधानपति ने सूचना पुलिस को दी। पुलिस ने घरवालों से पूछताछ की, लेकिन वे कुछ नहीं बता सके।

दादी-पोती ही थी घर में मौजूद

नैकीपुर गांव निवासी कड़ेदीन सऊदी में काम करता है। इस समय वह वहीं रहता है। घर में उसकी पत्नी गीता, पुत्र राजेश, पुत्री संजू (17) और मां रहती थीं। तीन जून को गीता अपने पुत्र के साथ मायके चली गई थी। घर में संजू और उसकी दादी थीं। उसी दिन कमरे में संजू फंदे से लटक गई। दादी ने देखा तो सूचना बहू को दी। खबर पाते ही शुक्रवार को बहू पुत्र के साथ घर आ गई। तीनों इतने घबरा गए कि उनकी किसी से कुछ बताने की हिम्मत तक नहीं पड़ी। कड़ेदीन को फोन पर इसकी जानकारी दी। शनिवार को दिन में कड़ेदीन के घर से दुर्गंध उठी तो आसपास के लोगों ने प्रधानपति चंद्र प्रकाश सिंह मौके पर पहुंचे। आसपास के लोगों के साथ जब वे कड़ेदीन के घर पहुंचे तो भीषण दुर्गंध उठ रही थी। उन्होंने गीता से पूछा तो वह कुछ बोलने को तैयार नहीं हुई। इसके बाद सूचना पुलिस को दी गई। खबर पाकर सीओ हंडिया संतोष सिंह व इंस्पेक्टर सरायममरेज भरत कुमार मौके पर पहुंचे। कमरे में पुलिस दाखिल हुई तो सामने संजू का शव फंदे से लटक रहा था। कमरे की तलाशी ली गई, लेकिन कोई सुसाइड नोट नहीं मिला। घरवालों ने भी पूछताछ में कुछ नहीं बताया। वहीं, ग्रामीणों में इसे लेकर तरह-तरह की चर्चा रही। हालांकि, इंस्पेक्टर भरत कुमार का कहना है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत की वजह फंदे से लटकना ही आया है। लेकिन संजू ने किन कारणों से यह कदम उठाया, इसकी जांच की जा रही है। मोबाइल नंबर का कॉल डिटेल भी निकलवाया जा रहा है। उसके स्वजनों का कहना है कि लाश देखकर वह डर गए थे, इसलिए पुलिस व अन्य लोगों को सूचना नहीं दी थी।