प्रयागराज (ब्यूरो) दुर्गागंज निवासी श्यामलाल के चार बेटों में विवेक छोटा था। अविवाहित विवेक मुंबई में रहकर टेलरिंग (कपड़ों की सिलाई) का काम किया करता था। बताते हैं कि करीब एक हफ्ते पूर्व वह मुंबई से कमाकर घर वापस लौटा था। शुक्रवार की शाम दुर्गा पूजा पंडाल जाने की बात कहकर वह घर से निकला था। देर रात तक वापस घर पहुंचा तो परिवार के लोग परेशान हो गए। घर वालों के द्वारा उसके मोबाइल पर कॉल किया गया। मगर, कॉल रिसीव नहीं हुई। कुछ देर बाद मोबाइल बंद भी हो गया। इस परिवार वालों को उसकी चिंता सताने लगी और सभी रात में ही खोजबीन शुरू कर दिए। बताते हैं कि शनिवार सुबह गांव से दक्षिण थोड़ी दूर स्थित बाग में झाड़ी के पास उसकी बाइक खड़ी मिली। भाई रंजीत निर्जन बाग में झाड़ी के पास उसकी बाइक लावारिश बाइक देखकर सन्न रह गया। यह बात रंजीत घर वालों को बताया तो रोते बिलखते परिजन मौके पर जा पहुंचे। परिवार के रोकने पीटने की आवाज सुनकर बाग में ग्रामीण भी पहुंच गए।
खून ने स्पॉट तक पहुंचाया
ग्रामीण परिवार के साथ मिल कर विवेक की तलाश शुरू कर दिए। इस बीच पास स्थित झाड़ी के बगल गिरे ब्लड पर लोगों की नजर पड़ी। यह सब देखकर सभी समझ गए कि उसके साथ कुछ गलत हुआ है। तब तक कुछ ग्रामीणों की नजर कुएं के अंदर पानी में उतरा रही विवेक की बॉडी पर पड़ी। कुएं में उसकी बॉडी मिलते ही हड़कंप मच गया। परिवार की महिलाएं व पुरुष चीख पड़े। घटना से आक्रोशित ग्रामीण हंगामा शुरू कर दिए। खबर मिलते ही नवाबगंज व सोरांव एवं होलागढ़ थाने की फोर्स के साथ सीओ सोरांव मौके पर पहुंचे और छानबीन में जुट गए। तब तक पहुंचे एसपी गंगापार द्वारा एनडीआरएफ से लेकर फोरेंसिक टीम कॉल की गई। एनडीआरएफ के जवानों द्वारा कड़ी मशक्कत करके विवेक की बॉडी कुएं से बाहर निकाली गई। उसकी बॉडी पर चोट के निशान देखकर कत्ल की बात साबित हो गई। पुलिस द्वारा बॉडी को पोस्टमार्टम हाउस भेजा गया। तफ्तीश में जुटी पुलिस को कत्ल के पीछे आशनायी की बात मालूम चली है.उसका मोबाइल पुलिस के हाथ नहीं लगा है। मामले में भाई रंजीत की तहरीर पर अज्ञात कातिलों के विरुद्ध नवाबगंज पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है।
बाहरी नहीं हैं हत्यारे
जितना बड़ा पत्थर बॉडी में बांधकर कुएं के अंदर फेंका गया वह दो तीन लोगों के बस का काम नहीं है।
पुलिस को शक है कि कातिलों की संख्या कम से कम चार या पांच रही होगी
आशंका यह भी है कि कातिल बाहरी नहीं बल्कि लोकल के ही रहे होंगे।
हत्या करने वालों को बाग में कुंआ होना पहले से पता था। इसी से प्लांड मर्डर का संकेत मिलता है
हत्यारे पहले से रस्सी लेकर पहुंचे थे। यह फैक्ट घटना का कारण आशनायी होने की ओर इशारा करता है।
इसमें उस लड़की का रोल भी अहम रहा होगा जिससे विवेक के सम्बंध रहे होंगे।
यदि ऐसा नहीं होता तो रात में विवेक निर्जन बाग में अकेले वह भी बाइक से झाड़ी के पास नहीं जाता।
पुलिस के मुताबिक कत्ल का पूरा राज दुर्गागंज गांव में ही दफन है।
केस की गहराई से छानबीन की जा रही है। क्राइम सीन व अब तक की गई जांच से ऐसा प्रतीत होता है कि हत्या आशनायी में प्री-प्लांड की गई है। मृतक के भाई की तहरीर पर केस दर्ज करके जांच की जा रही है। कातिल जल्द ही गिरफ्तार किए जाएंगे।
सुधीर कुमार
सीओ सोरांव