प्रयागराज ब्यूरो आप स्टूडेंट हैं। मोबाइल इस्तेमाल करते हैं तो जाहिर सी बात है कि आप सोशल साइट्स पर अपना एकाउंट भी रखते होंगे। सोशल साइट्स पर अपने पहचान वालों से दोस्ती की बात ठीक है, मगर अननोन रिक्वेस्ट आए तो उसे ब्लॉक कर दें। और अपनी प्रोफाइल लॉक रखें। ताकि आप सेफ रहें। वरना सोशल साइट्स पर फेक फ्रेंड आपके लिए खतरा बन सकते हैं। फेक फ्रेंड की बातें आपको आपकी फेमिली से दूर ले जा सकती हैं। बहुत से ऐसे मामले अब होने लगे हैं, जिनमें गल्र्स और ब्वायज सोशल साइट्स पर फेक फ्रेंड के चक्कर में फंसे और जब उन्हें सच्चाई पता चली तो फिर अपने फेमिली मेम्बर्स के सामने उन्हें शर्मिंदा होना पड़ा। दैनिक जागरण आई नेक्स्ट के फेक फ्रेंड अभियान के तहत श्रीमहाप्रभु पब्लिक स्कूल में साइबर वर्कशाप हुई तो बच्चे बहुत खुश हुए। बच्चों ने आई नेक्स्ट को थैंक्यू कहा।

अननोन पर्सन की रिक्वेस्ट न करें एक्सेप्ट

स्टूडेंट्स को फेसबुक, इंस्टाग्राम पर अननोन पर्सन की रिक्वेस्ट को एक्सेप्ट नहीं करना चाहिए। ये अननोन पर्सन फ्रेंडशिप करने के बाद अपनी बातों से आपके नजदीक आ जाते हैं। आप अपनी तमाम पर्सनल बातों को ऐसे अननोन फ्रेंड से शेयर करते जाते हैं। जबकि कभी आपकी अननोन फ्रेंड से मुलाकात नहीं हुई होती है। और अचानक वहीं अननोन फ्रेंड आपके लिए मुसीबत का सबब बन जाता है। फोटो, वीडियो या मैसेज चैट से अननोन फ्रेेंड आपको ब्लैकमेल करने लगता है। आपसे पैसे की डिमांड करने लगता है। आपके वीडियो को मिसयूज करने की धमकी देने लगता है।

डरें नहीं, लें गार्जियन की मदद
अगर सोशल साइट्स पर कोई अननोन फ्रेंड जो आपका रिलेटिव नहीं, फेमिली का करीबी नहीं, वो ब्लैकमेलिंग करता है तो फिर डरें नहीं। अपने गार्जियन से बगैर डरे सारी जानकारी शेयर करें। इसके बाद साइबर पुलिस को जानकारी दें। साइबर पुलिस को टोल फ्री नंबर 1930 पर कॉल करके शिकायत की जा सकती है। इसके अलावा अब हर थाने में साइबर सेल ओपन हो गए हैं। वहां पर रिटेन में भी एप्लीकेशन दी जा सकती है।

अनफेयर कमेंट पर करें ब्लॉक
सोशल साइट्स पर गंदे कमेंट आने पर उस प्रोफाइल को ब्लॉक कर दें। आजकल तमाम ऐसे लोग भी हैं जो फेक आईडी पर सोशल साइट्स पर सक्रिय हैं। ऐसे लोग फ्रेंड बनने की कोशिश करते हैं। आपकी मेंटलिटी चेक करने के लिए कभी कभी आपकी किसी पोस्ट पर अनफेयर कमेंट कर देते हैं। ऐसे में अनफेयर कमेंट करने वालों को फौरन ब्लॉक कर देना चाहिए।


दैनिक जागरण आई नेक्स्ट का फेक फ्रेंड अभियान टीन एजर्स के लिए काफी हेल्पफुल है। सोशल साइट्स के कई प्लेटफार्म का बच्चे इस्तेमाल करते हैं। ऐसे प्लेटफार्म पर अननोन फ्रेंड बच्चों को मीठी बातों में अपना बनाने की कोशिश करते हैं। इसके बाद ब्लैकमेलिंग होने लगती है।
रविंदर बिरदी, प्रिंसिपल


अननोन फ्रेंड कई तरीके के हो सकते हैं। ये आपको मदद पहुंचाने के नाम पर नुकसान पहुंचा देते हैं। ऐसे में टीन एजर्स को अननोन फ्रेंड से कोई हेल्प नहीं लेनी चाहिए।
जय प्रकाश सिंह, साइबर एक्सपर्ट


मोबाइल वल्र्ड बहुत बड़ा है। इसे जल्दबाजी में समझ पाना मुश्किल है। प्ले स्टोर पर ही कई ऐप हैं, जिन्हें डाउन लोड करते वक्त पसर्नल डिटेल फिल करनी पड़ती है। पर्सनल डिटेल का डाटा चोरी करके ब्लैकमेलिंग हो सकती है।
गणेश प्रसाद गोंड, साइबर एक्सपर्ट


फेसबुक, इंस्टाग्राम और टेलीग्राम पर अननोन फ्रेंड रिक्वेस्ट को एक्सेप्ट करते समय बेहद सावधानी बरतनी चाहिए। उसकी प्रोफाइल पर जाकर डिटेल लेनी चाहिए। अगर वो आपके एज ग्रुप का है तभी फ्रेंडशिप करनी चाहिए।
अतुल त्रिवेदी, साइबर एक्सपर्ट



साइबर वल्र्ड काफी हद तक टीन एजर्स के लिए सेफ नहीं है। नालेजबल साइट्स के अलावा मौज मस्ती के लिए सोशल साइट्स का देखना और उससे जुड़े रहना टीन एजर्स के लिए नुकसानदायक है। टीनएजर्स को इससे बचना चाहिए।
अमृता सिंह, उपनिरीक्षक, साइबर थाना

कभी न बताएं ओटीपी
अननोन कॉलर खुद को बैंक मैनेजर
बताते हुए आपसे आपके एकाउंट की डिटेल ले सकता है। ऐसे में अपने बैंक एकाउंट के बारे में मोबाइल फोन पर आने वाली कॉल के कॉलर को कभी न बताएं। ऐसे कॉलर आपके एकाउंट डिटेल को लेकर पैसे गायब कर देते हैं।

एटीएम बूथ में न लें हेल्प
एटीएम में पैसे निकालने जाएं। वहां पर कोई टेक्निकल प्रॉब्लम होने पर किसी अननोन पर्सन से हेल्प न लें। एटीएम बूथ में मौजूद अननोन पर्सन आपके एटीएम का स्कीमर डिवाइस से क्लोन बना सकता है। स्कीमर डिवाइस से एटीएम कार्ड का पूरा डिटेल लेकर आपके एकाउंट से पैसे गायब कर सकता है।

गूगल से नंबर सर्च करने से बचें
घर में किसी इलेक्ट्रानिक्स सामान के खराब होने पर या बैंक एकाउंट से संबंधित कोई दिक्कत होने पर कस्टमर केयर का नंबर गूगल से लेने से बचें। क्योंकि साइबर फ्राड करने वाले गूगल पर अपनी फर्जी वेबसाइट में कस्टमर केयर नंबर रखते हैं। आपको लगेगा कि आप सही कस्टमर केयर नंबर का इस्तेमाल कर रहे हैं, मगर वो फर्जी नंबर आपकी डिटेल का गलत इस्तेमाल करा सकता है।

ऑन लाइन खरीददारी में रहें सावधान
आजकल तमाम ऐसी साइट्स रन कर रही हैं जिनमें पुराने सामान बेचने खरीदने की बात कही जाती है। सामान पसंद आने पर आपसे एडवांस मांगा जाता है। एडवांस देने के लिए आपके यूपीआई की डिटेल ले ली जाती है। और आपके द्वारा दी गई डिटेल से साइबर फ्रॉड करने वाले एकाउंट से पैसे खाली कर सकते हैं।

लॉटरी के नाम पर हो रहा फ्राड
आजकल कुछ ही दिनों में पैसे दो गुना करने या फिर लॉटरी के नाम भी फ्रॉड हो रहा है। कॉलर बताता है कि आपकी लॉटरी निकली है। पैसे ट्रांसफर करने के लिए कॉलर आपसे पर्सनल डिटेल लेता है। इसके बाद वह आपके यूपीआई पर एक नोटिफिकेशन भेजता है। नोटिफिकेशन को ऑन करने पर एकाउंट से पैसे कटने लगते हैं।


कई बार मोबाइल पर किसी सेलेब्रिटी का बर्थ डे होने की जानकारी दी जाती है। बर्थ डे सेलीब्रेट करने के लिए मनी की डिमांड की जाती है। मेरे पास भी ऐसा ही एक फोन आया था, जिसे मैंने इग्नोर कर दिया।
पारुल सिंह, स्टूडेंट

मेरे पास एक मंदिर में दर्शन के नाम पर फोन आया था। कॉलर ने बताया कि आपको ऑन लाइन दर्शन कराया जाएगा। नोटिफिकेशन ऑन करने के लिए कहा गया। मगर मैंने नहीं किया। पता चला कि इस तरह का फोन कई लोगों के पास आया।
श्रेया श्रीवास्तव, स्टूडेंट


मेरे मम्मी के पास फोन आया। जिसमें कॉलर ने कहा कि आपको एक नोटिफिकेशन भेजा गया है। जिसमें घंटी का आइकॉन दबाने पर आपको पैसे मिलेंगे। मम्मी ने घंटी का आइकॉन दबाया। इसके बाद उनके एकाउंट से पैसे कट गए।
आयुषी बरनवाल, स्टूडेंट

मेरे पापा के पास स्कॉलरशिप के लिए फोन आया। मेरे पापा ने मौसा से कन्फर्म किया। पता चला कि फोन करने वाला फेक है। वो पापा पर्सनल डिटेल मांग रहा था।
रितिका कुशवाहा, स्टूडेंट