निर्वाचन कार्यालय को मिले 23 हजार नए मतदाता कार्ड, तहसीलों को हुए हैंड ओवर

ALLAHABAD: मतदान में एक माह से कम का समय बचा है। इसलिए अपना वोटर आईडी कार्ड अपने बीएलओ से तुरंत प्राप्त कर लें। चुनाव आयोग ने इस संबंध में कड़े निर्देश दिए हैं। बूथ लेवल ऑफिसर को घर-घर जाकर एपिक यानि वोटर कार्ड देने का निर्देश दिया गया है। निर्वाचन कार्यालय से मतदाता कार्ड प्राप्त करना इस बार संभव नहीं होगा।

बांटने हैं 97 हजार नए कार्ड

अक्टूबर से दिसंबर के बीच चलाए गए मतदाता सूची पुनरीक्षण अभियान में 1.44 लाख नए मतदाताओं को जोड़ा गया है। इनमें से 97 हजार मतदाता कार्ड निर्वाचन कार्यालय को प्राप्त हो चुके हैं। जानकारी के मुताबिक 74 हजार और फिर 21 जनवरी को 23 हजार कार्ड की खेप प्राप्त हुई है। निर्वाचन कार्यालय ने कार्डो को जिले की तहसीलों को सुपुर्द कर दिया है। इन्हें बीएलओ को अपने क्षेत्र में जल्द से जल्द बांटने के निर्देश दिए गए हैं। उन्हें कार्ड की रिसीविंग भी रजिस्टर पर दर्ज करानी होगी।

चक्कर काट रहे फार्म आठ भरने वाले

नए मतदाताओं को तो मतदान से पहले आयोग कार्ड उपलब्ध करा रहा है लेकिन जिन लोगों ने सूची में करेक्शन के साथ डुप्लीकेट कार्ड के लिए आवेदन किया था, उनकी सुनवाई अभी तक नहीं हुई है। सालभर बीतने के बाद भी उनके कार्ड बनकर आयोग से नहीं आए हैं। इस बार भी केवल 500 डुप्लीकेट कार्ड ही प्रशासन को प्राप्त हुए हैं। जबकि जरूरत हजारों में है। यह वह कार्ड हैं जिनमें नाम, जन्मतिथि, पिता का नाम और पते में करेक्शन होना है। बता दें कि इस बार रंगीन मतदाता कार्ड बनाने का ठेका प्रदेश लेवल पर एमटेक कंपनी को दिया गया है, जिसे पूरे यूपी में कार्ड की सप्लाई करनी है।

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गिनती में कम प्राप्त हो रहे कार्ड

आयोग से आए मतदाता कार्डो के बंडल तहसीलवार हैं। सबसे अहम यह कि इस बार बंडल में दी गई गिनती से कम कार्ड प्राप्त हो रहे हैं। इसकी शिकायत तहसील की ओर से निर्वाचन कार्यालय को दी गई है। प्रशासन भी इस मामले को लेकर पेशोपेश में है। इसकी जानकारी एमटेक कंपनी को दे दी गई है। उनसे मिसिंग कार्ड भेजने को कहा गया है। अधिकारियों का कहना है कि इस तरह की शिकायत अधिक नही है लेकिन इसे भविष्य में होने से रोकना जरूरी है।

नए मतदाताओं को मतदान से पहले नए कार्ड बांटने का लक्ष्य रखा गया है। यह जिम्मेदारी तहसीलों को दी गई है। लोगों से अपील है कि वह बीएलओ से अपना कार्ड कलेक्ट कर लें।

केके बाजपेई, सहायक निर्वाचन अधिकारी, इलाहाबाद