प्रयागराज ब्यूरो । इस बार नगर निगम चुनाव में भाजपा ने अकेले आधी से अधिक सीटों पर कब्जा जमाया है। बाकी सीटों में बाकी दलों को संतोष करना पड़ा है। बीजेपी की ऐसी लहर चली कि सपा को छोड़कर बाकी राजनीतिक दलों का पत्ता लगभग साफ हो गया है। हालांकि निर्दलीय प्रत्याशियों ने भाजपा से थोड़ी बहुत टक्कर ली है। सपा के बाद उनकी जीत का आंकड़ा दहाई अंकों तक पहुंचा है।

56 सीटों पर किया कब्जा

शनिवार को मुंडेरा मंडी में नगर निगम के मतों की गणना शुरू हुई तो सभी दलों को अधिकतम सीटें पानी की उम्मीद थी। लेकिन जैसे जैसे परिणाम सामने आए, भाजपा को छोड़कर सपा, बसपा, कांग्रेस, आप और एआईएमआईएम की उम्मीदें धाराशयी हो गईं। शाम होते होते भाजपा की झोली में 100 में से 56 वार्ड आ गिरे। यह जीत पिछले नगर निगम चुनाव से कहीं बड़ी मानी जा रही है। दूसरी ओर सपा को अपनी साख बचाने के लिए काफी संघर्ष करना पड़ा। 2017 नगर निगम चुनाव में सपा को 24 सीटें मिली थी जो इस बार घटकर महज 16 रह गई। आठ सीटें पार्टी को गवानी पड़ीं।

आप का नहीं खुला खाता

बसपा और एआईएमआईएम को दो-दो सीटों से संतोष करना पड़ा। निर्दलीय प्रत्याशियों को भाजपा के बाद सर्वाधिक 19 सीटें हासिल हुई हैं। कांग्रेस को महज चार सीटें मिली हैं। इस बार आम आदमी पार्टी ने निकाय चुनाव में जमकर ताल ठोकी थी लेकिन उसका खाता ही नहीं खुला। किसी भी वार्ड से आप प्रत्याशी को जीत नही मिली। निर्बल इंडियन शोषित हमारा आम दल को एक सीट जरूर मिल गई।

नगर निगम चुनाव में अपने प्रत्याशियों की पैरवी करने में भाजपा के अलावा बाकी दल बुरी तरह पिछड़ गए। इसका खामियाजा उनके प्रत्याशियों को हार के साथ चुकाना पड़ा। दो मई को मतदान से ठीक पहले सीएम योगी आदित्यनाथ ने रैली कर भाजपा प्रत्याशियों के लिए वोट मांगा था। हालांकि सपा से अखिलेश, कांग्रेस से प्रियंका और बसपा से मायावती ने कोई रैली नही की। इन पार्टियों का कोई स्टार प्रचारक भी चुनाव में नजर नही आया। ऐसे में लहर बनने से पहले ही बिखर गई।