प्रयागराज (ब्यूरो)। अविनाश विश्वकर्मा निवासी गजाधरपुर ढडिय़ा गांव के चार बेटे हैं। चार भाइयों में भीम तीसरे नंबर पर था। उसके तीन भाई रोजगार की गरज से गैर प्रदेशों में रहते हैं। घर पर भीम व उसकी मां सखी एवं पत्नी मुन्नी देवी और एक बेटी और बेटा रहता था। अन्य तीन भाइयों का परिवार गांव में ही रहता था। उसके घर के पास करीब दो बिस्वा आबादी की जमीन है। इस आबादी की जमीन के जिस हिस्से पर भीम कब्जा करना चाहता था। उसी पर उसके पड़ोस में रहने वाले परिवार के लोगों की भी नजर थी। पिछले कई महीने से दोनों पक्षों में कई दफा हुई मारपीट का मामला कोर्ट तक जा चुका है। पुलिस की मानें तो सोमवार की रात फिर इसी जमीन को लेकर विवाद हो गया। घर पर भीम पुरुषों में अकेले था। लिहाजा विपक्षी लाठी-डंडा व सरिया लेकर भीम पर टूट पड़े। गर्म बात चीत का माहौल देखते ही देखते मारपीट में बदल गई। हमलावरों द्वारा बेरहमी से पति की पिटाई देखकर भीम की पत्नी मुन्नी शोर मचाने लगी। बाहर आई भाभी के साथ मुन्नी पति को बचाने के लिए बीच में कूद पड़ी। हमलावरों द्वारा इन दोनों महिलाओं की भी पिटाई की गई। इससे दोनों महिलाओं को भी चोटें आईं। खबर मिलने पर पहुंची पुलिस घायल महिलाओं को इलाज के लिए हॉस्पिटल भेज दी। इसके बाद पुलिस द्वारा भीम की बॉडी को पोस्टमार्टम हाउस भेजा गया। घटना के बाद से आरोपित घर छोड़कर भाग निकले। मामले में भीम की मां रामसखी द्वारा नागेंद्र कुमार, अनिल, दीपक व मोहल सहित कुल 19 लोगों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया।
अक्सर होते थे झगड़े
मौत के घाट उतारे गए भीम की मां रामसखी को लगता था कि विपक्षी उसकी बहू मुन्नी पर भूत प्रेत करवा दिए हैं। जब भी मुन्नी बीमार होती थी रामसखी विपक्षियों को बगैर नाम लिए गालियां देना शुरू कर देती थी। उसकी गालियां भी हत्यारोपितों को खराब लगती थी। चूंकि वह नाम नहीं लेती थी लिहाजा बात झगड़े के बाद लोगों के हस्तक्षेप से समाप्त हो जाया करती थी। इस बार विवाद बढ़ा तो हत्या तक जा पहुंची।
जमीन को लेकर हुए विवाद में मारपीट के दौरान गंभीर चोट लगने से भीम की मौत हुई है। मामले में नामजद किए गए 19 लोगों की तलाश चल रही है। प्रकरण में करीब आधा दर्जन लोगों को नामजद किया गया है।
सौरभ दीक्षित, एसपी यमुनापार