- रक्षाबंधन पर पूरे दिन बहने बांध सकेंगी राखी, पर्व पर इस बार नहीं दिखेगा भद्रा का असर,
- शनिवार की शाम 6 बजे से शुरू हो जाएगी पूर्णिमा
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PRAYAGRAJ: भारतीय संस्कृति में सबसे पवित्र रिश्ता भाई और बहन का माना जाता है। भाई बहन के प्रेम के प्रतीक रक्षाबंधन पर्व पर बहने अपने भाइयों को राखी बांध कर उनसे अपनी रक्षा का संकल्प लेती हैं। ये परम्परा आज भी बदस्तूर जारी है। यही कारण है कि हर साल भाई बहन को रक्षाबंधन पर्व का बेसब्री से इंतजार रहता है। इस बार रक्षाबंधन पर्व 22 अगस्त दिन रविवार को पड़ रहा है। खास बात ये है कि इस बार भद्रा का असर रक्षाबंधन के दिन नहीं पड़ रहा है। ऐसे में भाई बहन के पवित्र रिश्ते के पर्व रक्षाबंधन पर इस बार राखी बांधने के लिए बहनों को इंतजार नहीं करना होगा। रक्षाबंधन पर्व पर बहने अपने भाइयों की कलाई पर पूरे दिन में कभी भी राखी बांध सकेंगी।
संडे को शाम तक रहेगी पूर्णिमा
1. रक्षाबंधन का पर्व श्रावणी पूर्णिमा को मनाया जाता है। हालांकि इस वर्ष व्रत के लिए पूíणमा का मान 21 अगस्त शनिवार एवं स्नान दान सहित श्रावणी पूíणमा एवं रक्षाबंधन का यह पर्व 22 अगस्त 2021 दिन रविवार को मनाया जाएगा।
2. पूíणमा तिथि का मान 21 अगस्त दिन शनिवार को सायं 6 बजकर 10 मिनट से ही लग जायेगा। जो कि 22 अगस्त दिन रविवार को शाम 5 बजकर 1 मिनट तक होगा।
3. उदया तिथि में पूíणमा का मान सूर्योदय काल से शाम 5 बजकर 1 मिनट तक रहेगा। यहीं कारण है रक्षाबंधन पर्व पूरे दिन मनाया जा सकेगा।
शुभ मुहूर्त
उत्थान ज्योतिष संस्थान के निदेशक पं। दिवाकर त्रिपाठी पूर्वाचली बताते हैं कि इस दौरान सबसे शुभ मुहूर्त सुबह 7 बजे से 10 बजकर 20 मिनट तक चार एवं लाभ चौघडि़या का मान होगा। दोपहर 1 बज कर 40 मिनट से 3 बज कर 10 मिनट तक शुभ चौघडि़या का मान होगा। साथ ही चन्द्रमा का संचरण मकर राशि से कुम्भ राशि में सुबह दिन में 08:35 बजे होगा। इसी के साथ पंचक प्रारम्भ हो जायेगा। अत: सूर्योदय बाद 7 बजे से सुबह 08:35 बजे तक रक्षाबंधन हेतु सर्वश्रेष्ठ एवं अति शुभफल दायी
मूहूर्त होगा।
- इस बार रक्षाबंधन पर भद्रा का मान नहीं है। ऐसे में बहने पूरे दिन में कभी भी राखी बांध सकेंगी। हालांकि इसमें भी शुभ मुहूर्त है।
पं। दिवाकर त्रिपाठी पूर्वाचली
निदेशक, उत्थान ज्योतिष संस्थान
- रक्षाबंधन का सबसे शुभ मुहूर्त दोपहर 1 बज कर 40 मिनट से 3 बज कर 10 मिनट तक रहेगा। वैसे भद्रा का मान नहीं होने के कारण पूरे दिन पर्व मनाया जा सकेगा।
विजय मेहरोत्रा, ज्योतिषाचार्य
भाई-बहन भद्रा से बेफ्रिक होकर रक्षाबंधन बना सकते हैं। इस बार के पर्व पर शनि की बहन भद्रा का अशुभ साया नहीं है। शाम साढ़े चार बजे के बाद राहुकाल शुरू होने से पहले रक्षाबंधन पर्व मनाया जा सकता है।
- अमित बहोरे, ज्योतिषाचार्य