प्रयागराज (ब्‍यूरो)। कैंट एरिया के गंगा नगर कॉलोनी निवासी रितु प्राइवेट जॉब के चक्कर में भाई से दूर है। वह अपनी मां के साथ रहती है। 25 जुलाई को भाई के लिए ऑनलाइन राखी व कुछ घरेलू सामन का ऑर्डर किया। एक हफ्ता बीत गया न ऑर्डर आया और न ही पैसा रिटर्न हुआ। जब रितु ने दोबारा उसी वेबसाइट को ओपन कर स्टेट्स चेक किया तो पता चला कि जिस वेबसाइट से बुक किया था वह बंद हो चुकी है। ठगी की जानकारी होने पर साइबर थाने पर शिकायत की है।

एक के साथ दूसरा फ्री के चक्कर में लगा चूना
मेजा के रहने वाले विजय पंत ने साइबर थाने को बताया कि उन्होंने रक्षाबंधन त्योहार पर तमाम वेबसाइटों पर दिख रहे ऑफर्स के चक्कर में आकर 13 हजार रुपये गवां दिए। उन्होंने रक्षाबंधन पर बहन को ड्रेस गिफ्ट देने के चक्कर में एक ड्रेस बुक कराया। एक ड्रेस के बुक कराते ही दूसरा ड्रेस मात्र 99 रुपये में मिलने का ऑफर्स मिला। जिसके बाद उनके पास एक ऑफर का डिटेल्स भरने के लिए लिंक आया। लिंक पर पर्सनल डिटेल्स भरते ही अकाउंट से 13 हजार रुपये कट गया।

डिजाइनर राखी के चक्कर में नहीं समझ पाई मेधावी
झूंसी की रहने वाली मेधावी बताती है कि उन्होंने कुछ दिन पहले नेट पर डिजाइनर राखी देखी। राखी इतनी खूबसूरत थी कि उसके आगे कुछ दिख ही नहीं रहा था। उन्होंने सिंगल पीस बचे होने के चक्कर में फौरन बिना सोचे समझे बुक करने लगी। उतने में एक लिंक ऑफर का लिंक आया और बिना सोचे समझे क्लिक कर दिया। उस लिंक पर क्लिक करते ही उनके फोन की स्क्रीन शेयर हो गई। जब वह पेमेंट के लिए यूपीआई पिन डाली, साइबर शातिरों ने नोट कर दो बार 19 हजार रुपये उड़ा दिया।

जाते-जाते बच गया पैसा
आशोक नगर के रहने वाले वकील आनंद कुमार के साथ भी ऐसा ही कुछ हुआ। लेकिन पैसा जाते-जाते बच गया। उनकी पत्नी ने उनका फोन लेकर ऑनलाइन राखी भाई के लिए खरीद रही थी। राखी पंसद आ गई। जब पेमेंट करने की बारी आई तो एक रुपये रिसीव करने हेतु लिंक भेजा गया। इतने में पति की नजर पड़ गई। उन्होंने फौरन मोबाइल ले लिया। उधर से साइबर शातिर फोन कर एक रुपये ऑफर्स का रिसीव करने के लिए फोन करता रहा और वकील साहब रिसीव न करने की बात कहते रहे। उन्होंने इसकी जानकारी साइबर थाने को दी है।

तुलना करना भी बेहद जरूरी
किसी भी एक वेबसाइट से ऑनलाइन कोई भी प्रॉडक्ट लेने से पहले, उस प्रॉडक्ट की कीमत और अन्य चीजों के बारे में दूसरी ई-कॉमर्स वेबसाइट या ऑफलाइन स्टोर पर भी पता कर लें। हो सकता है कि प्रॉडक्ट किसी दूसरी जगह सस्ता मिल रहा हो। उसमें ज्यादा ऑप्शन मिल रहे हों, या फिर बेहतर ऑफर हो। अगर बंडल्ड प्रॉडक्ट खरीद रहे हैं यानी एक ही पैकेज में दो-तीन चीज हैं और दूसरी जगह वह सस्ता है तो यह जरूर चेक करें कि बंडल में कहीं कुछ चीज कम तो नहीं मिल रही है।

इन बातों का रखें विशेष ध्यान
- डिस्काउंट के बारे में बारीकी से पढ़ें
- फास्ट चेकआउट के लिए डिलीवरी डिटेल्स पहले से ही भरें
- खरीदने से पहले प्रोडक्ट कंपेयर जरूर करें
- डिलीवरी कॉस्ट का ध्यान रखें
- हमेशा नामचीन और अच्छी कंपनी की वेबसाइट से ही खरीदारी करें
- ज्यादा बचत देखकर किसी ऐसी वेबसाइट से खरीदारी न करें, जिसके बारे में जानकारी नहीं है।
- वेबसाइट का यूआरएल जरूर चेक करें, वह एचटीटीपी के बजाय एचटीटीपीएस होना चाहिए, आखिर में एस का मतलब है कि गूगल ने उसे सिक्योर्ड किया है

इन चीजों पर भी करें गौर
- रिफंड पॉलिसी
- बेहद सस्ता प्रॉडक्ट कहीं रिफर्बिश्ड तो नहीं
- प्रॉडक्ट के रंग या डिजाइन में अंतर
- गारंटी-वॉरंटी पर भी दें ध्यान
ऑनलाइन शॉपिंग करने से अपने जान पहचान वालों से भी संबंधित वेबसाइट व उसकी सर्विस के बारे में पता कर लें

ऑनलाइन शॉपिंग करते समय यदि ग्राहक थोड़ी सी सावधानी बरतें तो धोखाधड़ी का शिकार होने से बच सकते हैं। क्रेडिट या डेबिट कार्ड के नंबर, ओटीपी या सीवीवी कोड को भी ध्यान से भरें और सूचना संबंधित वेबसाइट पर सेव न करें। वरना खाता से बड़ी रकम भी निकल सकती है।
राजीव तिवारी, साइबर थाना प्रभारी प्रयागराज