प्रयागराज (ब्यूरो)। श्यामली पश्चिम बंगाल की रहने वाली हैैं। श्यामली के पति ने दैनिक जागरण आई नेक्स्ट को बताया कि श्यामली इस बार रेस में दौड़ रहीं हैैं यही उनके परिवार के लिए सबसे बड़ी जीत है। बताया कि दिसंबर 2020 में श्यामली की सर्जरी हुई थी। श्यामली को ब्रेन ट्यूमर था और 10.20 घंटे तक उनकी सर्जरी हुई थी। इसके बाद परिवार ने काफी स्ट्रगल की लेकिन श्यामली ने हार नहीं मानी और गुरुवार को अपना नाम इंदिरा मैराथन के लिए दर्ज करवाया है।

सर्जरी में लगे 11.50 लाख रुपये
श्यामली के पति संतोष सिंह उनके ट्रेनर भी हैं। उन्होंने बताया कि ïदिसंबर 2020 में जब सर्जरी के 11.50 लाख रुपये भरने के लिए उन्होंने हर जगह मदद की गुहार लगाई लेकिन कहीं से भी पैसे नहीं जमा हो पाए। उन्होंने अपनी जमीन जो कि एक स्पोर्ट्स क्लब खोलने के लिए ली थी उसे बेच दिया, तब जाकर पैसे जमा हो पाए।

विनर्स के बोल, रेस से पहले की रात अहम
देश के अलग-अलग हिस्सों से आए प्रतियोगियों ने बताया कि रेस से पहले की रात किसी भी खिलाड़ी के लिए बेहद अहम होती है। इसमें कुछ भी गड़बड़ी हुई तो खिलाड़ी को न सिर्फ हार का सामना करना पड़़ता है, बल्कि दोबारा रिदम में आने के लिए समय लगता है। इंदिरा मैराथन में 6 बार पहले स्थान पर रह चुकीं महाराष्ट्र की ज्योति शंकर गावते ने बताया कि रेस से पहले की रात में शरीर का सबसे अधिक ध्यान देना होता है। इसमें खाना बैलेंस होना चाहिए, ग्लूकोज पानी और नींद शरीर के लिए अति आवश्यक है। इसके अलावा सुबह उठने पर एक छोटा सा वार्मअप जरूरी होता है। ज्योति ने 2013,14,15,16,17 और 18 में इंदिरा मैराथन में पहला स्थान हासिल किया था।

खिलाड़ी के लिए प्रोटीन जरूरी
प्रयागराज के विनोद कुमार ने बताया कि रेस से पहले वह प्रोटीनयुक्त भोजन लेते हैैं और अधिक-अधिक ग्लूकोज का पानी पीते हैैं। सुबह उठने के बाद 200 मीटर की दौड़ शरीर के लिए आवश्यक होती है। विनोद कुमार कोलकाता में 2.42 घंटे में 42 किमी दूरी तय करके चौथे स्थान पर चुके हैं। दिल्ली की एक मैराथन में 5 वां स्थान हासिल कर चुके हैं। इंदिरा मैराथन में अभी तक वह 16वां पायदान ही एचीव कर पाये हैं। मैराथन का पार्ट बनने आये जंग बहादुर आर्मी में शामिल होने की इच्छा रखते हैैं। उन्होंने रेस की रात से पहले नींद को सबसे अहम बताया। सुल्तानपुर की श्वेता मिश्रा ने कहा कि रात की रात रेस्ट का भी इंपार्टेंट है।