जिले में साजिश और षडयंत्र के शिकार हो चुके हैं कई संत व महात्मा
महामंडलेश्वर कैलाशानंद समेत कई संतों को तथाकथित तौर पर मारने की साजिश से जिले मचा हड़कंप
माघ मेला शुरू होने से पहले सामने आई साजिश भरी बात को लेकर पुलिस हुई अलर्ट

प्रयागराज (ब्‍यूरो)। बस चंद दिनों बाद यहां माघ मेला व स्नान शुरू हो जाएगा। ऐसी स्थिति में शनिवार को श्रीनिरंजनी अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर कैलाशानंद गिरि समेत कई संतों को जहर देकर मारने की कथित साजिश सामने आने से हड़कंप मच गया। ऐसी बात करने वाले संदिग्ध योगेंद्र शर्मा उर्फ विक्रम को पुलिस रातों-रात हिरासत में लेकर शनिवार रात भर पूछताछ में जुटी रही। कहा जा रहा कि संतों के साथ घटनाएं सिर्फ प्रयागराज में ही नहीं हरिद्वार, अयोध्या सहित कई शहरों में भी हुई हैं।

पुलिस की हिरासत में हैं एक संदिग्ध
संगम की रेत पर लगने वाले इस मेले में स्नान के लिए देश के तमाम हिस्सों से संत महात्माओं का आगमन होता है। इस वर्ष माघ मेला की तैयारी फाइनल दौर में है। जल्द ही माघ के स्नान पर्व शुरू होंगे और संत व महात्माओं का आगमन भी होगा। आने वाले साधु संतों की सुरक्षा को लेकर प्रशासन पहले से ही अलर्ट है। ऐसे में वक्त में शनिवार को हरिद्वार में रहने वाले निरंजनी अखाड़ा के महामंडलेश्वर कैलाशानंद सहित कई संतों को कथित तौर पर जहर देकर मारने की साजिश की बात सामने आ गई। यह खबर मिलते ही यमुनानगर स्थित नैनी थाने की पुलिस अधिकारी एक्टिव हो गई। अरैल स्थित साध्वी त्रिकाल भवंता के आश्रम से एक संदिग्ध युवक को पुलिस द्वारा हिरासत में लिया गया। पूछताछ में पुलिस को मालूम चला कि उसका नाम योगेंद्र शर्मा उर्फ विक्रम है। यह बात लोगों को मालूम चली तो पूर्व में संतों के साथ हुई घटनाएं व साजिश एवं षडयंत्र चर्चा का विषय बन गई।

संत महात्माओं के साथ हुईं घटनाएं
पब्लिक व साधु संतों की मानें तो 2013 महाकुंभ में चार पीठों के शंकराचार्यों को आसपास जमीन देने के लिए चतुष्पद बनाने की मांग को लेकर शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के शिष्य स्वामी परिपूर्णानंद सरस्वती आमरण अनशन पर बैठ गए थे।
बताते हैं कि जनवरी के आरंभ में अनशन के दौरान परिपूर्णानंद अचानक लापता हो गए थे। जानकार कहते हैं कि अब तक उनका कुछ पता नहीं चल सका है।
जानकारों की मानें तो इसी तरह 2018 में निरंजनी अखाड़ा के महंत पवन पुरी की मांडा में हत्या कर दी गई थी। बताते हैं कि उन पर तलवार जैसे औजार से वार किया गया था।
वर्ष 2020 में उदासीन बड़ा अखाड़ा के कोठारी मोहन दास भी अचानक लापता हो गए थे। उस वक्त महात्माओं द्वारा इस बात की सूचना पुलिस को दी गई थी। पुलिस आज तक उनका भी पता नहीं लगा सकी है।
वर्ष 2006 फरवरी में संत ज्ञानेश्वर सदानंद माघ मेला से लौट रहे थे। बताते हैं कि हंडिया इलाके में स्थित बगहा रेलवे क्राङ्क्षसग के पास उनके काफिले पर गोलियां बरसाई गई थीं। फायङ्क्षरग में ज्ञानेश्वर स्वामी समेत नौ लोगों की जान चली गई थी। इस मामले में सुल्तानपुर के पूर्व विधायक चंद्रभद्र ङ्क्षसह उर्फ सोनू का नाम चर्चा में आया था।
वर्ष 2019 के नवंबर महीने में श्रीनिरंजनी अखाड़ा के सचिव श्रीमहंत आशीष गिरि ने दारागंज स्थित आश्रम में गोली मारकर सुसाइड कर लिया था। घटना स्थल को देखने वालों को उनके द्वारा सुसाइड किए जाने की बात हजम नहीं हो रही थीं। उनके द्वारा किए गए खुदकुशी का राज आज तक दारागंज पुलिस नहीं खोज पाई।
वर्ष 2021 के सितंबर महीने में अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रहे महंत नरेंद्र गिरि की बॉडी फांसी के फंदे से लटकती हुई श्रीमठ बाघम्बरी गद्दी में मिली थी। मिले सुसाइड नोट व छानबीन से उनके द्वारा सुसाइड किए जाने की बात पुलिस द्वारा बताई गई थी। जांच में उन्हें सुसाइड के लिए उकसाने एवं व साजिश जैसी बातें भी की जा रही थीं।

साध्वी त्रिकाल भवंता के आश्रम से हिरासत में लिए गए संदिग्ध से अफसरों द्वारा पूछताछ की गई है। संत महात्माओं की सुरक्षा को लेकर पुलिस अलर्ट है।
बृजेश सिंह, थाना प्रभारी नैनी