प्रयागराज ब्यूरो । आप की आईडी पर कितने सिम कार्ड चल रहे हैं, क्या जानना चाहते हैं? यदि नहीं तो आप साइबर शातिरों के बुने जाल का शिकार हो सकते हैं। इससे बचने के लिए बस एक ही रास्ता है, वह ये कि आप को अपनी आईडी पर चल रहे सिम कार्ड के बारे में जानकारी हो। अब आप के मन में सवाल उठ रहा होगा कि आखिर यह पता कैसे करेंगे? तो इसके लिए आप को परेशान होने की जरूरत नहीं है। क्योंकि अपने पाठकों की हर सुख-सुविधा व सुरक्षा को लेकर फिक्रमंद 'दैनिक जागरण आईनेक्स्टÓ वह तरीका आपके लिए खोज निकाला है। बस इस फार्मूले को जानने के लिए आप को इत्मिनान के साथ पूरी खबर को पढ़कर समझना होगा। हमारी पूरी कोशिश है कि यह फार्मूला आसान से आसान शब्दों में आप को बताएं।

साइबर एक्सपर्ट भी खा जाते हैं गच्चा
लगातार बढ़ते साइबर क्राइम की बढ़ती घटनाओं में ज्यादा शातिर फेक आईडी पर लिए गए सिम कार्ड का यूज करते हैं। इस स्थिति में जब मोबाइल नंबर को साइबर थाने के एक्सपर्ट सर्च करते हैं तो उस आईडी के पते पर पहुंच जाते हैं। पहुंचने के बाद पता चलता है कि दरअसल उस व्यक्ति को इस नंबर के बारे में कुछ पता ही नहीं है। साइबर थाने के एक्सपर्ट द्वारा बताया गया कि एक लिंक है। जिसे सर्च करके लोग घर बैठे यह जान सकते हैं कि उनकी आईडी पर कितने सिम कार्ड चल रहे हैं। पता चलने के बाद जिस सिम के बारे में जानकारी नहीं हो, उसे संदिग्ध मानते हुए लिंक पर ही जाकर फौरन बंद करा सकते हैं। इसके लिए मोबाइल या कंप्यूटर पर उस लिंक को सर्च करना होगा। पेज खुलने वाले पेज को प्रॉपर-वे में फिल करते ही आप की आईडी पर चल रहे सारे सिम कार्ड नंबर स्क्रीन पर आ जाएंगे। इसके बाद जिन नंबरों के बारे में आप जानते हैं या किसी को दिए हैं वह तो ठीक। जिसकी जानकारी नहीं है उन अनजान नंबरों को उसी लिंक में दिए गए कॉलम को फिल करके बंद भी करा सकते हैं। इस तरह साइबर शातिरों के द्वारा बुने गए जाल को आप जागरूकता की कैंची से कतर सकते हैं। पिछले दो वर्षों में ऐसे दर्जनों मामले साइबर थाना की एक्सपर्ट टीम के सामने आए। जिसमें घटना के बाद जांच की गई तो पता चला कि जिस नंबर से वारदात को अंजाम दिया गया वह फेक आईडी पर संचालित था। जिस व्यक्ति की आईडी पर वह सिम कार्ड एक्टिवेट था टीम उस शख्स के गिरेबान तक जा पहुंची। पूछताछ में बाद लोगों ने बताया कि उन्हें इस मोबाइल नंबर के बारे में कुछ जानकारी है ही नहीं। यही आईडी का खेल करके साइबर ठग सिम लेकर वारदात को अंजाम देते हैं।

जानिए लिंक व सर्च करने का फार्मूला
साइबर थाने के एक्सपर्ट कहते हैं कि द्धह्लह्लश्चह्य//ह्लड्डद्घष्शश्च स्रद्दह्लद्गद्यद्गष्शद्व। द्दश1.द्बठ्ठस्रद्ग3,श्चद्धश्च एक सरकारी व उपयोगी लिंक है।
कोई भी व्यक्ति अपने मोबाइल या लैपटॉप एवं टैबलेट के जरिए गूगल जाकर इस लिंक को सर्च कर सकता है।
एक्सपर्ट सत्येश राय बताते हैं कि दिए गए पूरे लिंक को गूगल पर टाइप करते समय एक-एक अक्षर पर आप को विशेष ध्यान देना होगा।
क्योंकि यदि लिंक को सर्च करते समय एक डॉट भी भूल से छूट जाएगा तो लिंक किसी भी दशा में सर्च नहीं होगा या फिर गलत लिंक खुल जाएगा।
इसलिए लिंक को सावधानी पूर्व लिंक टाइप करके पुश करेंगे पेज खुलकर सामने आ जाएगा।
स्क्रीन पर दिखने वाले पेज पर आप का मोबाइल नंबर मांगा जाएगा, कॉलम में मोबाइल नंबर को लिख देना है।
मोबाइल नंबर लिखकर इंटर करते ही ओटीपी का पेज आएगा। जिसमें दिए गए मोबाइल पर प्राप्त होटीपी नंबर फिल करना होगा।
ओटीपी फिल करने के बाद बीच में दिए गए प्वाइंट को पुश करना होगा। यहां ध्यान रहे कि आप को रीसेंट ओटीपी को टच नहीं करना है।
जेसे ही पेज में ओटीपी डालकर सर्च करेंगे आप की आईडी पर चलने वाले सारे सिम कार्ड यानी मोबाइल नंबर सीरियल से स्क्रीन पर आ जाएंगे।
स्क्रीन पर दिखाई देने वाले नंबरों की लिस्ट में आप को यह देखना होगा कि कौन-कौन से किस कंपनी के नंबर चल रहे हैं।
इसके नंबर देखकर आप खुद समझ ही जाएंगे कि कौन सा नंबर आप और किसे आपके द्वारा दिए जाने पर परिजन या रिश्तेदार यूज कर रहे हैं।
जिस नंबर की जानकारी आप को है और आप ने अपनी आईडी पर खुद सिम कार्ड खरीद कर दे रखा है उन नंबरों को छोड़ दीजिए।
शेष अनजान सिम कार्ड के नंबरों को जिसके बारे में आप बिल्कुल नहीं जानते या चलाते उसके नीचे अंग्रेजी में लिखे 'दिश ईज नॉट माईÓ या माई नंबर पर जाकर बंद करा दें।
इस तरह आप की आईडी पर चल रहे वह अनजान नंबर बंद हो जाएगा, फिर उसे साइबर ठग चलाएं या कोई और आप के ऊपर कोई फर्म नहीं पड़ेगा।
क्योंकि आप की आईडी पर चल रहा वह नंबर बंद होने के बाद आप पूरी तरह से सेफ हो जाएंगे, और उस नंबर को यूज करने वाला व्यक्ति स्वयं परेशान हो जाएगा।
इसके बाद वह साइबर फ्राड हो या फिर कोई अनजान व्यक्ति, चाहकर भी उस नंबर को आप की आईडी पर दोबारा चालू नहीं करा पाएगा।


बिल्कुल साइबर ठग कहीं से भी किसी भी आईडी का यूज करके फेक तरीके से सिम हासिल करके क्राइम कर सकते हैं। ऐसी कई घटनाएं सामने आई भी हैं जिसमें दूसरों की आईडी पर लिए गए सिम कार्ड के जरिए साइबर शातिर वारदात को अंजाम दिए थे। यह सच है कि एक सरकारी लिंक है, जिसका प्रयोग करके लोग अपनी आईडी पर चल रहे सिम की जानकारी करके जरूरत समझने पर बंद भी करा सकते हैं।
राजीव तिवारी, प्रभारी साइबर थाना