प्रयागराज (ब्यूरो)। महासचिव जयशंकर कुमार ने कहा कि अब लेखा परीक्षा विभाग व्यवस्था में शासन और जवाबदेही सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। इसलिए, लेखापरीक्षा को अपनी भूमिका को नए सिरे से परिभाषित करना होगा और नई चुनौतियों को स्वीकार करना होगा। उन्होंने ऑडिट के दायरे को बढ़ाने के लिए डीपीसी एक्ट में बदलाव, सूचना प्रौद्योगिकी ऑडिट के लिए तैयार करने की आवश्यकता और ऑडिट कर्मचारियों की स्थिति में सुधार जैसे कई सुझावों की ओर इशारा किया। मुख्य संरक्षक अरुण कुमार ने कहा कि प्रशासन और संघ दोनों को राष्ट्रहित में काम करना है। उद्घाटन सत्र में वरिष्ठ सेवानिवृत्त साथियों का अभिनंदन किया गया। दिवंगत आत्माओं की स्मृति में दो मिनट का मौन भी रखा गया।

इन मांगों पर होगी चर्चा

भारत के सीएजी का व्यापक जनादेश और कार्यक्षेत्र

कर्मचारियों की कमी

करियर में ठहराव और प्रमोशन में देरी

दीर्घकालिक योजना का कार्यान्वयन

नेशनल पेंशन सिस्टम में कमियां और न्यूनतम लाभ का आश्वासन